पोटियाडीह के किसान पारम्परिक ढंग से कर रहे पैरादान

नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत 20 एकड़ के पैरा का परिवहन बैलगाड़ी से


धमतरी ।सुराजी गांव योजना के क्रियान्वयन में ग्राम पोटियाडीह के किसान अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। एक ओर जहां धान की फसल कटने के बाद अवशेष के रूप में बचे पैरा को गौठान में किसानों के द्वारा दान किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के द्वारा पैरा का परिवहन पारम्परिक साधन बैलगाड़ी से किया जा रहा है। इस तरह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ-साथ फसल अवशेषों (पैरा) को गौठानों में पहुंचाकर सीमित संसाधनों से सदुपयोग का संदेश भी दे रहे हैं।

जिला मुख्यालय से महज 11 किलोमीटर दूर धमतरी विकासखण्ड के ग्राम पोटियाडीह के किसान पैरा दान के कार्य को बखूबी से अंजाम दे रहे हैं। कृषि, पंचायत एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा सतत् फसल अवशेष नहीं जलाने तथा पैरा दान के लिए लगातार प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसका व्यापक और सकारात्मक असर जिले के किसानों पर पड़ रहा है। खेतों में पैरा जलाने की दुष्प्रवृत्तियों एवं उससे होने दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ पैरा दान की समझाइश लगातार दी जा रही है। इस दौरान कतिपय ग्रामीणों ने खेतों से गौठानों तक पैरा लाने के लिए परिवहन की समस्या से अवगत कराया कि ट्रैक्टर आदि वाहनों से परिवहन करने पर ईंधन और ट्रैक्टर के किराए का खर्च काफी आ सकता है। इस पर बैलगाड़ी से पैरा परिवहन किए जाने का सुझाव ग्रामीणों को दिया गया, जिससे उन्होंने सहमति प्रकट की।

 वहीं प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर बैलगाड़ी जो, कि विलुप्तप्राय हो रही है, का सदुपयोग भी होने की बात कही गई, जैसा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के द्वारा बार-बार आह्वान किया जाता है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम मनीष मिश्रा,सीईओ जनपद अमित दुबे,निगम आयुक्त आशीष टिकरिहा ,रेडक्रॉस जिला संगठक प्रदीप साहू ने मंगलवार को किसानो से चर्चा कर उन्हें प्रोत्साहित किया था इस पर आम सहमति बनने के उपरांत ग्राम लगभग के 12 किसानों ने अपने 20 एकड़ से अधिक खेतों में लगाए गए धान की फसल के अवशेषों (पैरा) को गौठान तक बैलगाड़ी के जरिए पहुंचा रहे हैं।

ग्राम पोटियाडीह के किसान  गिरधारी यादव, टीकूराम साहू, विजय देवांगन, चिंताराम साहू, झारेन्द्र साहू, रामेश्वर सिन्हा, मोतीलाल सिन्हा, चतुर साहू, ओमप्रकाश, रूपेश साहू तथा श्री रामदयाल सिन्हा ने सामूहिक सहभागिता और श्रमदान से अपने खेतों के पैरा को बैलगाड़ी के माध्यम से गौठान तक पहुंचा रहे हैं, वह भी बिना किसी अतिरिक्त लागत के। कलेक्टर  रजत बंसल एवं जिला पंचायत की सी.ई.ओ.  नम्रता गांधी ने ग्रामीणों के इस कार्य को अनुकरणीय बताते हुए अन्य ग्रामीणों को इसका अनुसरण करने एवं प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना (नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी) के सफल क्रियान्वयन में भागीदार बनने की अपील की है।

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