सीजी पीएससी क्रीड़ा अधिकारी में धमतरी के तीन दोस्तों ने किया कमाल,महेन्द्र रजक टॉप में




चन्द्रशेखर बांधे और बलराम गायकवाड़ ने भी टॉप सूची में बनाया स्थान


डॉ. भूपेन्द्र साहू
धमतरी। धमतरी शहर और तेलीनसत्ती के तीन दोस्तों की तिकड़ी ने सीजी पीएससी में क्रीड़ा अधिकारी के पद पर अपना स्थान बनाकर कमाल कर दिया। धमतरी रामसागर पारा के महेन्द्र रजक ने प्रथम स्थान प्राप्त कर शहर को गौरवान्वित किया। इसके अलावा जालमपुर के चन्द्रशेखर बांधे और ग्राम तेलीनसत्ती के बलराम गायकवाड़ ने भी अपना स्थान पक्का कर जिले को सौगात दी है। तीनों म्युनिस्पल स्कूल के बाद पीजी कॉलेज से ग्रेजुएट किया। इसकेबाद रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से बीपीएड और एमपीएड करने के बाद पीएससी की तैयारी में जुट गए थे। शुक्रवार 18 सितम्बर को जारी चयन सूची में तीनों का नाम आने से उनका परिवार, शिक्षक और शुभचिंतक शुभकामनाएं दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा क्रीड़ा अधिकारी (उच्च शिक्षा विभाग) परीक्षा 2019 की ऑनलाइन परीक्षा 26 नवम्बर 2019 को आयोजित की गई थी। जिसमें 98 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए चिन्हांकित किया गया था। 98 में 11 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। दो अभ्यर्थी अनर्ह रहे। 85 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 15 से 18 सितम्बर तक आयोजित किया गया। मेरिट क्रम के आधार पर वर्गवार छतीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा क्रीड़ा अधिकारी के 61 पदों के विरूद्ध 55 पदों पर चयन सूची जारी की गई। जिसमें धमतरी के महेन्द्र रजक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। धमतरी के ही चन्द्रशेखर बांधे और तेलीनसत्ती के बलराम गायकवाड़ ने अपना स्थान पक्का किया। तीनों अभ्यर्थियों ने एमटीआई न्यूज़ से विशेष बातचीत की।

महेन्द्र रजक : महेन्द्र रजक का मध्यम वर्गीय परिवार है। पिता कमलेश रजक का आमा तालाब रोड में किराने की दुकान है। मां धर्मिन रजक ग्रहिणी हैं। बड़े भाई की मोबाइल दुकान, छोटा भाई सहायक प्राध्यापक की तैयारी कर रहा है और उससे छोटा पीजीडीसीए की पढ़ाई कर रहा है। बातचीत के दौरान महेन्द्र रजक ने बताया कि 12वीं म्युनिस्पल स्कूल से पढऩे के बाद पीजी कॉलेज से बीकॉम कर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में बीपीएड और एनपीएड किया। 2015 में पास होने के बाद 3 वर्ष तक पिथौरा के निजी स्कूल में खेल शिक्षक रहे। 2019 में उनका चयन केन्द्रीय विद्यालय महबूब नगर तेलंगाना के लिए हुआ। अभी वर्तमान में वहीं पदस्थ हैं। इस बीच वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते रहे। इस दौरान पूरे परिवार का सहयोग मिलता रहा।

समर्पण भाव से काम करें, सफलता निश्चित
महेन्द्र रजक ने चर्चा के दौरान बताया कि उनका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है। तैयारी के दौरान आर्थिक परेशानी आई जिसे दूर करने उन्होंने निजी स्कूल में नौकरी भी की। वह आज प्रथम स्थान प्राप्त करने पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इसमें म्युनिस्पल स्कूल के प्राचार्य अशोक पवार, खेल शिक्षक सीएम टेम्बुलकर, पीजी कॉलेज प्राचार्य डॉ. चन्द्रशेखर चौबे सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों का योगदान रहा। उन्होंने बताया कि यदि आप किसी को अपना मार्गदर्शक मनाते हैं तो उसके प्रति समर्पित रहें। समर्पण भाव से काम करने पर सफलता निश्चित मिलती है। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में धमतरी से संबंधित प्रश्न भी पूछे गए। जिसमें गंगरेल बांध, महात्मा गांधी का आगमन, छत्तीसगढ़ी खान पान के अलावा वर्तमान मेें पदस्थ जगह के बारे में तेलगू में भी पूछा गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में इंडोर स्टेडियम बनाया जाए। जिसमें सभी प्रकार की ट्रेनिंग हो सके।

चन्द्रशेखर बांधे : गरीब परिवार में पले बढ़े चन्द्रशेखर बांधे धमतरी के जालमपुर वार्ड के निवासी हैं। उन्होंंने भी 12वीं म्युनिस्पल स्कूल, बीए पीजी कॉलेज से और बीपीएड, एमपीएड पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से 2015 में पास करने के बाद नेट व अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। यह उनका पहला ही प्रयास था जिसमें सफलता मिली। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव चौधरी, सीडी अगाते, रीता वेणुगोपाल के अलावा अशोक पवार, सीएम टेम्बुलकर सहित तुलसीराम, ललित, मदन, किरण, निर्मल, महेन्द्र पंडित का भी सहयोग रहा। मां का 2008 में और पिता का 2012 में निधन होने के बाद भाईयों ने ही पालन पोषण मेें सहयोग किया। एक भाई बारदाने का व्यवसाय करता है। एक पेंटिंग कर रोजी मजदूरी और एक भाई फल बेचकर गुजारा करता है। भाईयों द्वारा आर्थिक मदद दी जाती रही। चर्चा के दौरान चन्द्रशेखर बांधे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में एक एकेडमी बननी चाहिए। जिससे आज का युवा वर्ग राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सके। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होना चाहिए। युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि संघर्ष से ही लक्ष्य हासिल होता है। हार न मानें, एक कदम आगे बढ़ाते चलें।

बलराम गायकवाड़ : किसान परिवार में जन्मे ग्राम तेलीनसत्ती के बलराम गायकवाड़ इन दिनों झारखण्ड प्रदेश में शासकीय खेल शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने भी अपने दोस्त महेन्द्र और चन्द्रशेखर के साथ 12वीं म्युनिस्पल स्कूल, स्नातक पीजी कॉलेज से और बीपीएड, एमपीएड रविशंकर विश्वविद्यालय से पास किया है। पिता असंत राम पेशे से किसान हंै। 3 भाईयों का परिवार है। बड़ा भाई किसानी और छोटा भाई पीबीएस आयल मिल मेें काम करता है। महेन्द्र क्रिकेट और कबड्डी में नेशनल प्लेयर रह चुका है। उन्होंने कहा कि वे उच्च शिक्षा विभाग में क्रीड़ा अधिकारी बनने के बाद जिस कॉलेज में पदस्थ होंगे, वहा पूरा योगदान देंगे। उनके इस मुकाम में पहुंचने के लिए माता-पिता, परिवार, शिक्षक का सपोर्ट रहा। मन मेें एक ही ललक थी, कुछ कर दिखाना है। आज उसे हासिल कर लिया।

पीजी कॉलेज के लिए गौरव की बात : डॉ. चौबे
पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. सीएस चौबे ने बताया कि उनके महाविद्यालय में अध्ययनरत तीनों छात्रों के सीजी पीएससी में चयन होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। धमतरी खिलाडिय़ों का गढ़ रहा है। जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे लगाने से कॉलेज नहीं चलता है। कॉलेज का नाम कलाकार, प्रतिभावान, खिलाडिय़ों से रोशन होता है। कॉलेज के प्लेटफार्म का सही उपयोग करना चाहिए।

तीनों को बधाई : अशोक पवार
म्युनिस्पल स्कूल के प्राचार्य अशोक पवार ने कहा कि उनके स्कूल में पढ़े 3 विद्यार्थी आज यहां पहुंच चुके हैंं। उन्हें अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। म्युनिस्पल स्कूल में खिलाडिय़ोंं का विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां के खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

तीनों में खेल के प्रति गजब की लगन थी : टेम्बुलकर

तत्कालीन खेल शिक्षक सीएम टेम्बुलकर ने कहा कि तीनों विद्यार्थी हमेशा ही उनसे मार्गदर्शन लेते रहे। इंटरव्यू के पहले भी फोन के माध्यम से उन्होंने अपने स्तर पर टिप्स दिए थे। उन्होंने कहा कि गर्व होता है जब अपना शिष्य सीजी पीएससी स्तर पर यह मुकाम हासिल करता है। तीनों में खेल के प्रति गजब की लगन रहती थी।

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