हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज से लोगो मे दहशत

 

नगरी। गजदल ग्राम संबलपुर के आसपास ही घूम रहा है। कई बार रहवासी इलाके में आने की कोशिश नाकाम की गई मध्यरात्रि पश्चात आखिरकार तीन हाथी रहवासी इलाके में घुसने में कामयाब हो गए।जंगल मे वापस धकेलने का कार्य विभाग द्वारा किया गया जिसमे उन्हें भी कामयाबी मिल ही गई।

 पिछले तीन-चार दिनों से नगरी सहित पास के क्षेत्र में गजदल का जमावड़ा है शाम होते ही अपने मौजूदगी का फरमान विभाग को चिंघाड़ की गर्जन से देते है नाजुक स्तिथियों को देखते धमतरी वनमंडल के अधिक्तर परिक्षेत्र अधिकारी, कर्मचारी की ड्यूटी फिरहाल इसी क्षेत्र में है।

विभाग की माने तो गजदल महुआ पास के चक्कर मे लगातार कक्ष क्रमांक 369, 371 और 372 में मंडरा रहा है ग्राम सरपंच सहित विभागीय अधिकारी घर पर महुआ नही रखने की अपील ग्रामीणों से बार-बार कर रहे है उसके बावजूद भी लोग अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे। शाम ढलते लोग शराब पीकर संदिग्ध इलाके में घुस जाते है और विभागीय कर्मचारियों से हुज्जत करते रहते है जिस पर शासन-प्रशासन को आवश्यक रूप से रोक लगाने की जरूरत है, नही तो जान माल की हानि होने की आशंका है।

शनिवार रात लगभग 10 बजे दो हाथी केनाल पार कर गांव में घुसने की कोशिश में लगे थे लगातार चिंघाड़ने की आवाज से जंगल गुंजायमान था ।कई बार हाथियों ने गांव में घुसने का प्रयास किया लेकिन वनकर्मी व ग्रामीणों ने मशाल टार्च व होहल्ला कर उन्हें केनाल पार करने नही दिया। यंहा सोंढुर नाली विभाग के लिए वरदान साबित हुआ है जिसे हाथियों और विभाग के बीच का लक्ष्मण रेखा कहा जा सकता है। केनाल को हांथी एकाएक पार नहीं कर पाते यह केनाल हाथियों के लिए रोड़ा बना हुआ है और विभाग के लिए लक्ष्मण रेखा यह केनाल गोरेगांव से लेकर छिपली नगरी तक फैला है जिसके एक ओर हाथी है और दूसरी ओर प्रहरी देखने पर तो ऐसा लगता है जैसे दोनों में द्वंद युद्ध की स्थिति है। हाथी केनाल पार आना चाहता है लेकिन केनाल पार करने प्रहरी नही देते। ऐसा नजारा तब देखने को मिला जब शुक्रवार की रात एक ओर दो हांथी केनाल पार करने की कोशिश में केनाल में खड़े थे जिन्हें देखकर भी विभाग का ड्राइवर दरोगा नही हटा, दरोगा जोर जोर से आवाज करने लगा दरोगा की आवाज सुनकर थोड़ी दूर पर खड़े प्रहरी और ग्रामवासी तरह-तरह की आवाज, मशाल और टार्च लेकर हाथी की ओर दौड़े तब जाकर हाथी केनाल से पीछे हटा और गुस्से में केनाल के किनारे आने के प्रयास में जोर-जोर से चिंघाड़ते रहा लेकिन प्रहरी भी उनकी चुनौति स्वीकार कर केनाल की दूसरे छोर से चिल्ला-चिल्लाकर भाग ही दिया। 

रात दस बजे के बाद हाथी दुबक गए मनो माहौल शांत हो गया लेकिन मध्य रात्रि के बाद फिर से संबलपुर के कमार बस्ती में इनकी आहत मिली और अचानक दो हाथी और एक बच्चा कुल तीन कक्ष क्रमांक 371 में घुसने में कामयाब हो गए जिसको सायरन, मशाल, टार्च और हो हल्ला कर प्रहरियों ने भगाया तब तक रजनी बाई निषाद, छबि निषाद, विष्णु देवांगन की दीवाल चकनाचूर हो चुका था समाचार लिखे जाने तक दल संबलपुर में ही मौजूद है चिंघाड़-चिंघाड़ कर अपनी उपस्तिथि दर्ज कर रहा है और प्रहरियों को चुनौति।

विभागीय सुरक्षा तगड़ी-

डीएफओ सातोविसा  सामाजदार के निर्देशन पर आलोक बाजपाई के नेतृत्व में विभाग की रणनीति मजबूत बनी है पिछले चार दिनों में अब तक बड़ी घटना नही हुई है । केवल हाथी समय-समय पर गोरेगांव से नगरी के नगरानाला तक चहलकदमी बनाये हुए है। पर एक बात उत्पाती तत्वों पर शासन-प्रशासन द्वारा नकेल नही कसा जाएगा तो निश्चित ही बड़ी दुर्घटना घट सकती है। शुक्रवार को ग्राम सरपंच के पति रवि बिसेन और उनके साथियों ने विभाग की मदद की जिसके लिए उपपरिक्षेत्र अधिकारी गोपाल वर्मा ने उनका अभिवादन कर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।संवाददाता भी प्रहरियों के साथ रात काटकर ताजा अपडेट दे रहे है।



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