कोरोना संक्रमण के दौर में अस्पताल की नर्सें है सेवा की मूरत, डटी हैं सेवा में

 


जिला अस्पताल में मनाय गया नर्स दिवस



धमतरी।नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली 'फ्लोरेंस नाइटइंगेल' के जन्म दिवस पर 12 मई को हर साल दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।नर्सोंं की सराहनीय सेवा को मान्‍यता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के परिवार एवं कल्‍याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार की शुरुआत की। यह पुरस्‍कार प्रति वर्ष माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं। जिला अस्पताल में भी नर्सों ने यह दिवस संक्षिप्त रूप से मनाया।


कोरोना संक्रमण के दौर में चिकित्सकों के अलावा नर्सों की भी महती भूमिका देखने को मिल रही है। परिवार से दूर रहकर जान जोखिम में डालकर नर्स मरीजों की सेवा में लगातार लगी रहती है। 12 मई को धमतरी जिला अस्पताल में संक्षिप्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया। कैंडल जलाकर उन्होंने फ्लोरेंस नाइटेंगल को याद कर श्रद्धांजलि दी। नर्सों को सेवा का रूप माना जाता है। इस दौरान नर्सों ने जिला अस्पताल के सभी वार्डों में मरीजों को फल वितरण किया। 


कुछ नर्स ने अपने परिजनों को भी खोया है। 50% से अधिक नर्स खुद कोरोना संक्रमित हुई थी, उसके बाद स्वस्थ होकर पुनः काम पर लौट आई है। नियमित 6 घंटे की ड्यूटी के अलावा रात के 12 घंटे की ड्यूटी भी लगती है। सभी जगहों के के अलावा कोविड सेंटर में भी इन्हें ड्यूटी करना होता है।इस मौके पर स्टाफ नर्स नलिनी साहू ने सभी नर्स को अपनी ओर से एन95 मास्क का वितरण किया। 


उन्होंने नर्सों की दिनचर्या बताते हुए कहा कि जब ड्यूटी से घर पहुंचती हैं तो सबसे पहले पूरे शरीर को सेनिटाइज करती हैं। पूरा कपड़ा, निकाल कर धुलाई करती है। 15 मिनट भाप लेते हैं गरारा करते हैं उसके बाद ही परिवार जनों से मिलते हैं।उनके घर में भी छोटे बच्चे हैं जिनको संक्रमण का खतरा रहता है, लेकिन ड्यूटी तो करना ही  है जब तक आप मरीज के पास नहीं जाएंगे मरीज की स्थिति का पता कैसे चल पाएगा।  मरीजों को नर्स द्वारा इलाज और हालचाल पूछने पर अपनत्व का पता चलता है।इस दौरान सिविल सर्जन डॉ मूर्ति,डॉ बीके साहू,डॉ विनोद पांडे,डॉ राकेश सोनी,डॉ राकेश साहू, मेट्रन शशी शर्मा,स्टाफ नर्स चित्रा कुमरा नलिनी साहू,झनक साहू, झरना साहू,एस सालोमन, एस गोस्वामी , भावना,सारिका, माधुरी, योगेश्वरी,रानी मैहरा, कलेन्द्री, अर्पण आदि मौजूद थे।



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