जगराता का अर्थ अपने अंदर के शक्तियों का जागरण करना:सरिता दीदी

 

योग शक्ति सेवा केंद्र मगरलोड में चैतन्य देवियों की झांकी


मगरलोड। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र मगरलोड के तत्वाधान में क्वाऺर नवरात्रि के पावन पर्व मेऺ 10 से 13 अक्टूबर तक चैतन्य देवियों की झांकी का आयोजन किया गया । जिसके दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ  केआर साहू सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी,धीरज देवांगन प्राचार्य शाउमावि खैरझिटी,रोहित साहू प्राचार्य शाउमावि भोथीडीह योगेंद्र बनपेला व्याख्याता, दौलत ध्रुव  प्रधान पाठक ,ब्रह्माकुमारी अखिलेश दीदी के आतिथ्य में हुआ |

चैतन्य देवी की झांकी देखने नगर के लोगों का भीड़ लगा रहा। मूर्ति स्वरूप देवियों की एकाग्रता व स्थिर मुद्रा को देख भक्तगण मंत्रमुग्ध हो गए | लोग देवियों की प्रशंसा करते नहीं थकते । झांकी के साथ - साथ छोटे बच्चों का रिकॉर्डिंग डांस व गीत का आनंद भी लोग उठा रहे ।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि धमतरी जिले की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी का आगमन हुआ जिससे कार्यक्रम की रौनक और बढ़ गई |

 ब्रह्मा कुमारी सरिता दीदी ने कहा नवरात्रि अर्थात जगराता का अर्थ अपने अंदर शक्तियों का जागरण करना की जगदंबा अर्थात मां समान सहन करने की शक्ति, मां संतोषी समान समाने की शक्ति ,मां गायत्री के सामान परखने की शक्ति, मां सरस्वती के समान निर्णय करने की शक्ति ,तथा मां लक्ष्मी के समान सहयोग करने की शक्ति हमें प्राप्त करनी है। इन सारी शक्तियों को प्राप्त करने के बाद दसवें दिन दशहरा अर्थात हमारे अंदर के विकार रूपी रावण का दहन करना है | तब हम अपने अंदर के अज्ञानता रूपी अंधकार को मिटाकर आत्मा रूपी ज्योति को जलाएंगे ।



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