'द ग्रेट रावत': देश ने खोया जाबांज योद्धा, नम हुई आंखे, देश में शोक की लहर


वतन जायसवाल

रायपुर।  तमिलनाडु के कन्नूर से आई खबर ने देश की आंखो को नम कर दिया। सोशल मीडिया से ले कर चौक-चौराहों तक पूरा देश गमगीन हो गया।

 हर कोई माँ भारती के लाल CDS जनरल बिपिन रावत रावत जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता रहा। हादसे की जानकारी मिलते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सभी तय कार्यक्रम रद्द कर दिये है।

 बुधवार दोपहर लगभग 12 बजकर 40 मिनट में तमिलनाडु के कुन्नूर जंगलों में सेना का MI-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ। पहाड़ी और जंगली इलाके में हुए इस हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और पत्नी मधुलिका समेत सेना के 13 अफसरों का निधन हो गया।

 हादसे के बाद 13 के मौत की पुष्टि कर दी गई थी। लेकिन जनरल बिपिन रावत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नही दी गई थी। 6 बजकर 3 मिनट को भारतीय वायु सेना के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए श्री रावत के निधन की जानकारी दी।

 इधर हादसे की जानकारी मिलते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में नए दरबार हॉल का उद्घाटन समारोह रद्द कर दिया गया है।  वे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। राज्यपाल भरत सिंह कोश्यारी ने बताया कि तमिलनाडु में हुए हेलीकॉप्टर हादसे के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।

 हादसे में श्री रावत के आलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अलावा, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह,  नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी.साई तेजा व हवलदार सतपाल का भी निधन हो गया।

 कौन थे जनरल बिपिन रावत

बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत। जिन्हें हम जनरल बिपिन रावत के नाम से जानते हैं। वो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। जनरल रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत परिवार में हुआ। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से थीं।

  इनके पूर्वज मायापुर/हरिद्दार से आकर गढ़वाल के परसई गांव में बसने के कारण परसारा रावत कहलाए। दरअसल, रावत एक मिलेट्री टाइटल है जो राजपूतों को गढ़वाल के शासकों ने दिए थे। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में करियर की शुरुआत की थी।

 शिक्षा और करियर

रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ली। यहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ ऑनर' दिया गया। वे फोर्ट लीवनवर्थ, अमेरिका में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के ग्रेजुएट भी रहे। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, मैनेजमेंट में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ की ओर से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।

दो साल पहले CDS बने

पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (61) को 2019 में देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया था। वे 65 साल की उम्र तक इस पद पर रहने वाले थे। इस पद को बनाने का मकसद यह है कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सही तरीके से और इफेक्टिव कोऑर्डिनेशन किया जा सके।

रावत दिसंबर 1978 में कमीशन ऑफिसर (11 गोरखा राइफल्स) बने थे। वह 31 दिसंबर 2016 को थलसेना प्रमुख बने। उन्हें पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा, कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में कामकाज का अनुभव रहा। खास बात यह है कि रावत उसी यूनिट (11 गोरखा राइफल्स) में पोस्ट हुए थे, जिसमें उनके पिता भी रह चुके थे।

इन पदों पर रहे रावत

ब्रिग्रेड कमांडर

जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (GOC-C) सदर्न कमांड

जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, मिलिट्री ऑपरेशन्स डाइरेक्टोरेट

कर्नल मिलिट्री सेक्रेट्री एंड डिप्टी मिलिट्री सेक्रेटरी

सीनियर इंस्ट्रक्टर इन जूनियर कमांड विंग

कमांडर यूनाइटेड नेशन्स पीसकीपिंग फोर्स मल्टीनेशनल ब्रिगेड

वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ

आर्मी चीफ

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

ये सम्मान मिले

परम विशिष्ट सेवा मेडल

उत्तम युद्ध सेवा मेडल

अति विशिष्ट सेवा मेडल

युद्ध सेवा मेडल

सेना मेडल

ये भी जानिए

सरकार जानती थी कि मुश्किल हालात और इनसर्जेंसी वाले क्षेत्रों में काम करने के मामले में जनरल रावत बेहद काबिल अफसर हैं। यही वजह थी कि 2016 में दो सीनियर अफसरों पर उन्हें तरजीह दी गई और आर्मी चीफ बनाया गया।

बात जून 2015 की है। मणिपुर में हमारी सेना पर आतंकी हमला हुआ। 18 सैनिकों की शहादत से देश में उबाल था। उस दौर में संयोग से 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन रावत ही थे। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि भारत पर आंच आती है तो क्या होता है। इस यूनिट के पैरा कमांडो ने सरहद पार करके म्यांमार में ऑपरेशन किया और NSCN आतंकी ग्रुप के 60 से ज्यादा आतंकियों को उनकी मांद में ही घुसकर ढेर कर दिया।

पाकिस्तान की हरकतों का जवाब उन्होंने अपने अंदाज में दिया। 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की स्पेशल कमांडो यूनिट ने रातों-रात ऑपरेशन किया। कई आतंकियों के साथ पाकिस्तान के सैनिक भी ढेर कर दिए। यह हमारे उरी और CRPF कैम्प पर हुए हमला का जवाब था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री जयशंकर सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।



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