BIG BREAKING :शिक्षाकर्मी फर्जीवाडा मामले में कोर्ट का फैसला:ग्यारह शिक्षाकर्मियों को ढाई ढाई साल की सजा


मगरलोड में 2008 में हुई थी व्यापम से भर्ती,आरटीआई से हुआ था खुलासा


भुपेंद्रसाहू
 धमतरी।9 साल बाद शिक्षाकर्मियों के ऊपर एक बड़ी कार्रवाई हुई है।धमतरी जिले में फर्जी शिक्षाकर्मियों के खिलाफ प्रथम श्रेणी व्यवहार न्यायालय कुरूद ने बड़ा फैसला सुनाया है।मगरलोड जनपद पंचायत में वर्ष 2008 में हुए शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में 11 फर्जी शिक्षाकर्मियों को ढाई-ढाई साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

आपको बता दें कि वर्ष 2008 में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की नौकरी के लिए व्यापम द्वारा भर्ती की गई थी।मगरलोड जनपद पंचायत में भी विज्ञान एवं कला विषय के लिए 211 पदों पर भर्ती हुई थी। इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का आरोप ग्राम चंदना निवासी आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू ने लगाया था।उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत  दस्तावेज हासिल करने के बाद 3 जून 2009 को धमतरी कलेक्टर और एसपी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया था।शिकायत और प्रारंभिक जांच के आधार पर मगरलोड थाना में 11 शिक्षाकर्मियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध हुआ था।शिकायत करने के करीब 9 साल बाद 6 अगस्त 2018 को न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कुरूद में शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू का बयान दर्ज किया गया।सभी पक्ष को सुनने के बाद न्यायाधीश महेश बाबू ने आरोप को सही पाते हुए सभी 11 शिक्षाकर्मियों को धारा 420 के तहत 2 वर्ष कठोर कारावास व 500 रुपये अर्थदंड, धारा 467 के तहत 2 वर्ष 6 माह कठोर कारावास व 1000 रुपये अर्थदंड, धारा 468 के तहत 2 वर्ष कठोर कारावास व 500 रुपये अर्थदंड और धारा 471 के तहत 1 वर्ष कठोर कारावास व 500 अर्थदंड की सजा सुनाया है.

इन फर्जी शिक्षाकर्मियों को हुई सजा

जिन अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज के जरिए शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की नौकरी हासिल की थी, उनमें सुबोध कुमार साहू, शिवकुमार सोनकर, देवेंद्र कुमार साहू, गीता साहू, योगेश कुमार साहू, देवबती साहू, बसंत पटेल, टेमन लाल विश्वकर्मा, हीरालाल साहू, मनोज कुमार सिन्हा, तोरण सिन्हा शामिल हैं, जिन्हें न्यायालय ने कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
कहां से बनाया था फर्जी सर्टिफिकेट 

क्योंकि उन दिनों में D Ed,B.Ed की अनिवार्यता थी इस वजह से यह 11 अभ्यर्थियों के पास प्रमाण पत्र नहीं थे तब इन्होंने जे आर नायडू उत्तर माध्यमिक शाला रायपुर ,शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मोवा, डाइट रायपुर ,डाइट नगरी, डाइट बस्तर ,शिक्षा महाविद्यालय रायपुर ,रीवा मध्य प्रदेश जैसे जगहों से फर्जी सर्टिफिकेट हासिल किए थे जो सत्यापन में फर्जी पाया गया

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