भुपेंद्रसाहू
धमतरी।
धमतरी पुलिस को आखिरकार वह मामा मिल ही गया जिससे आखिरी वक्त में दीपक सेन
ने मुलाकात की थी हत्या का पर्दाफाश भी हो गया।
पोटियाडीह
निवासी दीपक सेन हत्या मामले को सुलझाने में पुलिस ने को बड़ी कामयाबी मिली
है।पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपी और इस हत्या की साजिश
रचने वाले सौतेली माँ और नाना को गिरफ्तार किया है।
एएसपी
मनीषा ठाकुर ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि 4 नवंबर को
पीजी कॉलेज मैदान में पोटियाडीह निवासी दीपक सेन जख्मी हालत में मिला
था।अज्ञात आरोपियों ने दीपक सेन पर सीमेंट के पत्थर से सिर पर वार कर घायल
कर दिया और युवक को मरा समझ आरोपी भाग खड़े हुए।वही युवक रातभर पीजी कॉलेज
मैदान में पड़ा रहा जिसे 4 नवंबर की अलसुबह खिलाड़ियों ने देखा.और इसकी सूचना
पुलिस को दी।घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस की टीम तत्काल मौके
पर पहुंची और युवक को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया जंहा डॉक्टरों ने हालत
गंभीर होने पर बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर कर दिया था।14 दिन तक जिंदगी
और मौत से जंग लड़ते हुए दीपक ने 18 नवंबर को दम तोड़ दिया।
पुलिस
अधीक्षक के निर्देशन पर इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में कोतवाली पुलिस
जुट गई थी।सीसीटीवी फुटेज के आधार पर परसट्टी गांव के रहने वाले विजय सेन
और युवराज साहू को हिरासत में लेकर कड़ाई के साथ पूछताछ किया।जिस पर दोनों
टूट गए और अपना गुनाह कबूल कर लिया ।आरोपी विजय सेन ने बताया कि इस हत्या
की मुख्य साजिशकर्ता दीपक की सौतेली माँ और सौतेला नाना है। उसने ही दीपक
को मारने के लिए 7 लाख रुपए का सुपारी दिया था।
पुलिस
का कहना है कि दीपक सेन को जिन दो युवकों ने मौत के घाट उतारा उसमे से एक
आरोपी उसके सौतेली माँ का भाई है।उसे ही दीपक मामा कहकर संबोधित कर रहा था।
क्यों और कैसे रची साजिश
एएसपी
मनीषा ठाकुर ने बताया कि दीपक की सौतेली मां के कुछ लोगों के साथ संबंध बन
गए थे जिसकी जानकारी दीपक को हो गई थी और इसी बात को लेकर मां बेटे में
अक्सर विवाद हुआ करता था इधर दीपक भी एक युवती से प्रेम करने लगा था और
दीपक उसे कई बार आपने घर भी लाता था जो उसकी मां को पसंद नहीं था। इन्हीं
बातों से त्रस्त होकर मां संतोषी सेन ने अपने पिता राधेश्याम सेन से संपर्क
कर दीपक को रास्ते से हटाने की गुजारिश की। राधेश्याम सेन ग्राम परसटठी
चौकी बड़ी करेली निवासी विजय सेन से बार-बार यह कहता था कि दीपक को रास्ते
से हटाना है कोई आदमी ढूंढो जिसे ₹7 लाख देना है। विजय सेन लालच में आ गया
और वह 7 लाख मिलने का ख्वाब देखते हुए अपने ही गांव के साथी युवराज साहू को
इस वारदात को अंजाम देने के लिये राजी कर लिया।
कैसे दिया वारदात को अंजाम
3
नवंबर को आरोपी विजय सेन रूद्री रोड स्थित दीपक के सेलून दुकान में गया
जंहा से तीनों रुद्री रोड शराब दुकान से शराब लेकर पीजी कॉलेज मैदान में
गये। तीनों एक साथ शराब पिये जिसके बाद विजय और युवराज ने सीमेंट के पत्थर
से दीपक के सिर पर कई बार वार किया जिससे दीपक अधमरा हो गया। उसको मरा समझ
कर भाग गए।
दीपक सेन |
काम हो गया बॉस
बताया
गया कि विजय और युवराज ने ताबड़तोड़ हमला किया उसके बाद उनको लगा कि दीपक
मौत हो गई और लगभग रात 11बजे उन्होंने राधेश्याम को फोन कर कहा कि आपका काम
हो गया और इसके बाद वे दोनों अपनी प्लैटिना मोटरसाइकिल से वापस गांव चले
गए।
फिलहाल
पुलिस ने चारों आरोपी संतोषी सेन,राधेश्याम सेन, विजय सेन और युवराज साहू
को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है ।दीपक सेन की मौत
रायपुर में हुई है इस वजह से वहां से मर्ग डायरी एवं पीएम रिपोर्ट आने के
बाद अतिरिक्त धारा 302 जोड़कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।पुलिस इन
तथ्यों पर भी जांच करेगी कि 7 लाखमें जो सौदा तय हुआ था आखिर वह पैसा आता
कहां से, क्या दीपक के नाम पर कोई बड़ी जमीन थी, क्या दीपक को रास्ते से
हटाने की एक वजह यह जमीन भी थी।इन सवालों का जवाब अभी भी मिलना बाकी है।
आरोपियों को पकड़ने में कोतवाली थाना प्रभारी गगन वाजपेई सहित स्टाफ की
भूमिका रही।
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