छत्तीसगढ़िया मड़ई कुकरेल में: छत्तीसगढ़ी व्यंजन, गहने, कृषि उपकरण, खेलकूद और संस्कृति की बिखरेगी छटा


‘दु पइडिल सुपोषण बर‘: साइक्लिस्ट करीब से जानेंगे और परखेंगे छत्तीसगढ़ी संस्कृति


 

धमतरी। नगरी विकासखण्ड के ग्राम कुकरेल में आगामी 24 नवंबर को एक दिवसीय छत्तीसगढ़िया मड़ई का आयोजन किया जाएगा। सुबह 10 से शाम पांच बजे तक आयोजित इस मड़ई में छत्तीसगढ़ी व्यंजन, मिठाई, साग-भाजी, बड़ी, कांदा-कूसा, जेवर-गहना, कृषि उपकरण, दैनिक उपयोग के सामान का स्टाॅल लगाया जाएगा। साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए खेलकूद भी आयोजित किए जाएंगे। इसी दिन सुपोषण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए ‘दु पइडिल सुपोषण बर‘ थीम के अंतर्गत गंगरेल बांध से जबर्रा तक 55 किलोमीटर की सायक्लिंग धमतरी एवं आगंतुक युवाओं के द्वारा की जाएगी।

इस संबंध में बताया गया है कि गंगरेल से शुरू होने वाली साइकल इक्सपीडिशन के दौरान नगरी विकासखण्ड के ग्राम कुकरेल में आगंतुकों के लिए पड़ाव निर्धारित किया गया है, जहां पर आयोजित छत्तीसगढ़ी मड़ई में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों व मिठाइयों का स्टाल लगाया जाएगा। इन स्टालों में स्थानीय संस्कृति, परम्परा, खेलकूद व व्यंजनों को प्रोत्साहित करने व आगंतुकों को इनसे अवगत कराने के लिए स्थानीय पुट पर आधारित स्टाॅल में प्रदशित किया जाएगा, जहां पर विलुप्तप्राय पान रोटी, खपुर्री, चीला रोटी, मुठिया, फरा, ठेठरी, खुरमी, गुलगुला भजिया, अरसा, कुसली, कटुवा, पपची, तस्मई (खीर), चैसेला, बड़ा, भजिया, बिड़िया सोंहारी (पूरी), तिल्ली लाड़ू, लौंग लता, डेढ़ोली, मउहा रोटी, मउहा लाटा जैसे ठेठ छत्तीसगढ़ी व्यजंनों का आनंद उठाया जा सकेगा। इसी तरह छत्तीसगढ़ी मिठाई में बताशा, काड़ी मिठाई, मसूर पाग, रखिया पेठ, खजूर, करी लाड़ू, भक्का लाड़ू, मुर्रा लाड़ू, तिखुर जैसे पारम्परिक व्यंजन भी इसमें शामिल किया गया है।

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने