कर्णेस्वर मेला में दूसरे दिन देवी-देवताओं का हुआ जमघट, हजारों की संख्या में हुआ श्रद्धालुओं का आगमन


विनोद गुप्ता 
नगरी। उल्लखनीय है कि माघ पूर्णिमा के अवसर पर सप्तऋषियों की तपो स्थली चित्रोतपल्ला गंगा महानदी के तट पर माघी पूर्णिमा मेला का आयोजन कर्णेस्वर ट्रस्ट समिति के माध्यम से देऊर पारा में किया गया है। मौसम की बेरुखी के चलते पहले दिन कुछ परेशानियां जरूर आयी पर दूसरे दिन मौसम के खुलते ही मेले का रौनक देखते ही बना। 
 
जहाँ एक ओर देवी-देवताओं का जमघट देखने को मिला वही श्रद्धा से वशीभूत श्रद्धालु भी हजारों की संख्या में इनके दर्शन के लिए मंदिर प्रांगण पर मौजूद थे। मंदिर के खंम्बेस्वरी देवी के पास देऊर पारा, छिपलीपार, सोनमंगर की टिकली माई के झाँकर रामप्रसाद एवं ट्रस्ट के सदस्यों से भेंट करने के बाद सभी देवी-देवता अपने मड़ाई बिहाने की रस्मो को पूरा किया जिसमें शीतला माता,कंकाली माता, टिकली दाई, बड़े देव, आंगा देव जैसे नानाप्रकार के देवी की उपस्तिथि रही। एक से बढ़कर एक देवी देवताओं का जमघट लोगो का आस्था का केंद्र बना रहा।
 
कई दिनों से मौसम के खराबी के चलते बहुत से दुकानदारों ने अपनी दुकाने इस बार मेले में नही लगाए इस वजह से मेले के कई हिस्सों पर स्थान खाली दिखाई दिया। लेकिन ड्रेगन, आकाश झूला, ब्रेकडान्स, जम्पिंग झूलो में खूब रस रहा, झूला झूलने वालो की लंबी कतार लगने से घण्टो अपनी पारी का इंतजार करते रहे। मेले में आशानुकूल अधिक भीड़ नजर आयी।लोगों ने अपने साथियों के साथ खूब सेल्फी लेते नजर आए। 
 
इस बार ट्रस्ट द्वारा कई जगहों पर खूबसूरत वाल पेंटिग की गई है लोग उनसे आकर्षित होकर वहां पहुच कर अपनी तस्वीर खिंचाई। युवा वर्ग ने मेले का खूब आनन्द लिया।
 

 

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