लाॅकडाउन में फंसे लगभग एक लाख 62 हजार 649 श्रमिकों को मुख्यमंत्री की पहल पर पहुंचाई राहत



श्रम विभाग द्वारा गठित टीम द्वारा ने  मजदूरों को नियोजकों से 1.2 करोड़ की दिलायी सहायता

श्रमिकों को नियोजकों से दिलायी गई 24.77 लाख रूपए की एडवांस सैलरी
राज्य स्वास्थ्य बीमा सेवाएं द्वारा संचालित क्लीनिकों में 20 हजार 583 श्रमिकों का हुआ इलाज
तत्कालिक व्यवस्था के लिए 6 हजार 584 श्रमिकों के खाते में डाले गए 19.72 लाख रूपए
रायपुर, 16 अप्रैल।  लाॅकडाउन में फंसे राज्य एवं राज्य से बाहर के एक लाख 62 हजार 649 श्रमिकों की समस्याओं का मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की पहल पर त्वरित निराकरण कर राहत पहुंचाई  गई है। इनमें से 37 हजार 247 श्रमिकों को लगभग 102 लाख रूपए (राशन एवं नगद) के रूप में नियोजकों, नगर निगमों और श्रम विभाग के सहयोग से व्यवस्था करायी गई। वही विभिन्न नियोजकों के माध्यम से श्रमिकों को 24 लाख 77 हजार रूपए एडवांस सैलरी के रूप में भी दिलायी गई है। इसी प्रकार अन्य राज्यों में फसे 6 हजार 584 श्रमिकों के खाते में तत्कालिक व्यवस्था के रूप में 19 हजार 72 लाख रूपए जमा करवाया गया।
राज्य स्वास्थ्य बीमा सेवाएं द्वारा संचालित क्लीनिकों में 20 हजार 583 श्रमिकों का निःशुल्क इलाज कर दवाई आदि वितरित किया गया। कुली वर्ग एवं तृतीय लिंग वाले 58 हजार 128 श्रमिकों को (राशन एवं नगद) तथा अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की गई। जिसकी लागत 124 लाख 19 हजार रूपए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित विभिन्न राहत शिविरों में एक हजार 661 श्रमिकों के लिए भोजन, राशन आदि की व्यवस्था की गई है। वही श्रमिक वर्क प्लेस में 2 हजार 748 श्रमिकों के लिए राशन, चिकित्सा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
नोडल अधिकारी एवं श्रम विभाग के सचिव  सोनमणी बोरा के नेतृत्व में राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर संकटापन्न श्रमिकों को श्रम विभागीय अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के द्वारा अन्य राज्यों के अधिकारियों, संबंधित नियोक्ताओं तथा संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर खान-पान, आवास एवं अन्य आवश्यकताओं और समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है।
राहत शिविरों, औद्योगिक परिसर तथा कार्यस्थल में रह रहे 33 हजार 779 श्रमिकों को प्रशासन और अन्य संगठनों के माध्यम से भोजन, राशन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है। राज्य स्तर पर 24ग7 हेल्पलाईन 0771-2443809, 91098-49992, 75878-22800 तथा राज्य के सभी जिलों हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए गए हैं।
राज्य में हेल्पलाइन, जिला हेल्पलाइन, सोशल मीडिया, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों से सीधे संपर्क और अन्य स्त्रोंतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर अब तक छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों के कुल 64 हजार 416 प्रवासी श्रमिकों को राशन एवं उनकी समस्याओं का निराकरण किया गया। इस कड़ी में सबसे ज्यादा जम्मू 15855, महाराष्ट्र 11718, उत्तर प्रदेश 10365, तेलंगाना 7927, गुजरात 5599, मध्यप्रदेश 1686, हिमाचल प्रदेश 1575, कर्नाटक 1427, तमिलनाडू 1404, दिल्ली 1228 एवं राज्यों में होने की मिली सूचना के आधार पर बलौदा बाजार 20424, जांजगीर चांपा 11159, मुंगेली 6144, कबीरधाम 5850, राजनांदगांव 5365, बिलासपुर 4129, बेमेतरा 3559, रायगढ़ 2112, रायपुर 1352, दुर्ग 1187, गरियाबंद 622, सूरजपुर 464, महासमुंद 424, बालोद 332 और कोरबा जिले से 327 से संबंधित हैं।
श्रम विभाग के 62 अधिकारियों की टीम ने 457 कारखानों और औद्योगिक संस्थानों का निरीक्षण कर विभाग द्वारा नियोजकों के माध्यम से कुल एक करोड़ 2 लाख 15 हजार रूपए की राशन एवं नगद सहायता उपलब्ध करायी है। श्रमिकों को एडवांस वेतन के रूप में 24 लाख 76 हजार 855 रूपए की सहायता दिलायी गई। इसमें रायगढ़ में श्रमिकों को 15 दिन के वेतन के बराबर एडवांस 21 लाख 39 हजार 550 रूपए, दुर्ग में 60 हजार, बस्तर में 27 हजार और जांजगीर चांपा में एक लाख 20 हजार 500 रूपए उनके नियोजकों से दिलवाया गया। साथ ही कोरबा जिले में श्रमिकों को एक लाख 29 हजार 805 एडवांस सैलरी नियोजक द्वारा दिलायी गई है।
इसी प्रकार ईएसआई के माध्यम से राज्य भर में संचालित 42 क्लीनिकों में 20 हजार 583 श्रमिकों का इलाज कर दवा वितरित किया गया। कुछ जिलों के श्रमिकों को अन्य राज्यों में संकट की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों के खातों में नगद राशि का भुगतान किया गया। कवर्धा 194, मुंगेली 1511 एवं बेमेतरा 4879 श्रमिकों के खाते में कुल 19 लाख 72 हजार रूपए का भुगतान किया गया।
श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 6308 औद्योगिक परिसर एवं कार्य स्थलों में बनाए गए राहत शिविरों में आश्रय प्राप्त 27 हजार 481, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और श्रमिक बस्तियों के लगभग 3739 एवं असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत 9 लाख 30 हजार श्रमिकों के बैंक खाता एवं आधार की जानकारी भारत सरकार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है।

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