30 जून तक नहीं खुलेगा ठा. बांकेबिहारी मंदिर,बिना प्रशासनिक सहयोग के मंदिर खोलने पर सहमत नहीं मंदिर प्रबंधन

 

प्रशासन मंदिर के बाहर सुरक्षा उपलब्ध कराने का नहीं दे रहा आश्वासन

 

प्रमेंद्र अस्थाना
लखनऊ। (उत्तर प्रदेश)
अनलॉक-1 के दौरान मंदिरों को खोले जाने की छूट दिए जाने के बाद कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए धर्मनगरी वृंदावन (मथुरा) के मंदिरों के सेवायत एवं प्रबंध तंत्र आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिरों के पट जिला प्रशासन के सहयोग के बिना सोमवार से खोले जाने पर सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि मंदिर की व्यवस्था को प्रबंधन सुनिश्चित करा सकता है। मंदिर के बाहर होने वाली भीड़ का नियंत्रण प्रशासन को ही करना होगा।
 
बता दें कि धर्मनगरी वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों के सेवायत एवं प्रबंध तंत्र ने जिला प्रशासन से स्पष्ट तौर पर कहा है कि सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार मंदिर प्रबंधन अंदर की व्यवस्थाओं जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनेटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग को अपने-अपने स्तर से सम्हाल सकते हैं। क्यों कि भीड़ के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा सर्वाधिक होगा। साथ ही बाहर से आने वाले भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करना मंदिर प्रबंधन के सीमा क्षेत्र में नहीं है। इस व्यवस्था को जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ही व्यवस्थित कर सकता है। यदि प्रशासन ऐसा करने से पीछे हटता है तो मंदिर प्रबंधन सोमवार से मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए  नहीं खोलेंगे।
विश्व विख्यात ठा. बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत मोहन गोस्वामी मम्मू ने बताया कि जिला प्रशासन की बैठक में डीएम सर्वज्ञराम मिश्र द्वारा शासन द्वारा मंदिर खोलने के लिए दी गई गाइडलाइन से तो अवगत करा दिया है। कहा कि जब तक  प्रशासन द्वारा मंदिर के बाहर लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने का आश्वासन नहीं दिया जायेगा तब तक फिलहाल 30 जून तक मंदिर न खोलने का निर्णय लिया गया है।
श्रीकृष्ण बलराम इस्कॉन मंदिर के पीआरओ सौरभ त्रिविक्रम दास ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा मंदिर के बाहर लगने वाली भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के मामले में कोई ठोस आश्वासन न दिए जाने की स्थिति में मंदिर को फिलहाल 15 जून तक आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर रखने का निर्णय लिया गया है। आगे की स्थिति का आंकलन करने के उपरांत निर्णय लिया जाएगा।
ठा. राधारमण मंदिर प्रबंध कमेटी के मंत्री पद्मनाभ गोस्वामी ने बताया कि जिला प्रशासन की बैठक पूरी तरह से नाकाम रही है। प्रशासन द्वारा शासन की गाइड लाइन को मंदिर प्रबंधन को फोलो कराने के लिए कहा जा रहा है जबकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के नाम कोई ठोस इंतजाम की जानकारी नहीं दी जा रही है। बताया कि प्रशासन द्वारा रुकमणि विहार पर यात्रियों को रोककर यहां से पैदल मंदिर तक पहुंचने की योजना तैयार की गई है वह निरर्थक लगती है। क्यों कि इतनी तेज धूप में कोई भी यात्री नंगे पैर करीब चार किमी पैदल चल कर दर्शन करने नहीं पहुंच सकता है।
रंगनाथ मंदिर की सीईओ अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि मंदिर प्रबंधन सोमवार को मंदिर खोलने की स्थिति में नहीं है। मंदिर बहुत बड़ा है, स्प्रे सेनेटाइजर, हैंड सेनेटाइजर आदि व्यवस्थाएं फिलहाल हमारे पास नहीं हैं। मंदिर बड़ा होने की वजह से यात्री हर तरफ बिखर जाते हैं। जिसे रोकने के लिए बैरिकेडिंग की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। मंदिर की पूजा पद्धति दक्षिण से आए पुजारी करते हैं और वही उसे जानते हैं। ऐसी स्थिति में हम कोई खतरा नहीं ले सकते। पुजारी यदि बीमार हो गए तो रोज की सेवा पूजा भी बंद हो जाएगी।राधाबल्लभ मंदिर के प्रबंधक अशोक गौतम ने मंदिर खोलने के मुद्दे पर प्रशासन के रवैया को एक तरफा बताया है। प्रशासन मंदिरों को खोलने एवं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के प्रति कतई गंभीर नहीं दिख रहा है। ऐसी स्थिति में 8 जून से मंदिर खोल पाना संभव नहीं है।
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