वृंदावन में संकरी गलियों में हैं अधिकांश मंदिर, सोशल डिस्टेंसिंग मुश्किल , बढ़ेगा संक्रमण का खतरा

 

 

दो-तीन लोगों का एक साथ निकलना भी होता है मुश्किल

मंदिर खुलने पर एक भी पॉजिटिव केस आया तो हो जाएगा पूरे क्षेत्र सील


प्रमेंद्र अस्थाना
मथुरा-वृंदावन (उत्तर प्रदेश)।
सरकार ने भले ही अनलॉक-1 के दौरान मंदिरों को सशर्त खोलने की छूट दी हो लेकिन मंदिरों की नगरी में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराना संभव होता नहीं दिख रहा है। क्यों कि यहां की अधिकांश गलियां काफी संकरी हैं। जिनमें एक साथ दो से अधिक लोग निकल भी नहीं सकते हैं। ऐसे में प्रशासन के सामने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिसटेंसिंग को बनाए रखना बड़ी चुनौती हो सकता है।  
बता दें कि मंदिरों की नगरी में शायद ही कोई गली ऐसी होगी जहां पर मंदिर न हों। इन संकरी गलियों को कुंज गली के नाम से जाना जाता है। इन गलियों में कई प्राचीन एवं पौराणिक मंदिर स्थापित हैं। आम दिनों में इन मंदिरों में प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। वहीं विश्व विख्यात ठा. बांकेबिहारी मंदिर के आसपास की गलियां भी इन दिनों ऊबड़ खाबड़ एवं खुदी हुई पड़ी हैं। क्यों कि यहां पर विश्व बैंक के सहयोग से बिजली, नाली, सीवर, पेयजल लाइन समेत सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में दुसायत से बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाली गली ही एक मात्र रास्ता है। यह गली भी काफी संकरी है। मंदिर खुलने के दौरान आने वाले भक्तों की भीड़ के मध्य सोशल डिस्टेंसिंग बना पाना यहां पर कतई संभव नहीं होगा। क्यों कि गली में कई जगह ऐसी हैं जहां दो-तीन लोग भी एक साथ नहीं निकल सकते हैं।
दिल्ली, हरियाणा, नोएडा और गाजियाबाद से आते हैं सर्वाधिक भक्त
बंटी गोस्वामी एवं घनश्याम गोस्वामी का कहना था कि मंदिरों को खोले जाने से सबसे अधिक दिल्ली, हरियाणा समेत नोएडा, गाजियाबाद के भक्तों का आवागमन होगा। जिनसे संक्रमण का खतरा सर्वाधिक होगा। क्यों की कोरोना के मामले में पड़ोसी राज्य दिल्ली की काफी भयावह स्थिति है। यहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज कोरोना पॉजिटिव निकल रहे हैं। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित कर पाना किसी के भी काबू में नहीं होगा।
श्रीनाथ गोस्वामी ने कहा कि मंदिर में आने वाले हजारों भक्तों में से एक भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आ गया तो वह कितने लोगों को संक्रमित करेगा इसका अंदाज नहीं लगाया जा सकता है। मंदिर से जुड़ा एक भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आने से मंदिर समेत आसपास का पूरा क्षेत्र रेड जोन बनाकर सील कर दिया जाएगा। ऐसे में न तो ठाकुरजी की सेवा पूजा हो सकेगी और नहीं भोग राग सेवा ही सुचारु रह सकेगी। इसलिए फिलहाल प्रशासन को मंदिर न खोलने का निर्णय लेना चाहिए।


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