बिहार = सरकार अपराध के खिलाफ है अपराधी के नहीं- सुशील


सीआरपीएफ कैंप में तीन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण


गया । पुलिस महा निरीक्षक मगध प्रमंडल राकेश राठी एवंएडीजे सुशील मानसिंह खोपड़े समक्ष  तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कियातीनों नक्सली भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर थे। इन्होंने नक्सली संगठन को छोड़कर बुधवार को समाज के मुख्य धारा में शामिल हो गए।आत्मसमर्पण पर सुशील मानसिंह खोपड़े एडीजे ने कहा कि युवा भटक गए थे अब वे मुख्यधारा में लौट आए हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे सकारात्मक कार्यों की मदद से इन्हें सहयोग दी जाएगी ।जो युवा अभी भी मुख्यधारा से भटक गए हैं उन्हें सम्मान लौटने का आग्रह किया है। सरकार अपराध के खिलाफ है अपराधी कि नहीं। कुछ गलतियों के कारण युवा भटक जाते हैं। मुख्यधारा में आने के बाद उन्हें हरसंभव मदद प्रशिक्षण और सहयोग दी जाएगी।


पत्रकारों से बातचीत में   छकरबंधा थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहनिया गांव निवासी सूबेदार यादव. मनदीप यादव एवं लूटआ थाना क्षेत्र अंतर्गत असुरा गांव निवासी शशि मांझी कहा कि कुछ लोगों के बहकावे में आकर मुख्यधारा से भटक कर नक्सली संगठन में शामिल हुए थे।   नक्सली संगठन की सच्चाई वहां जाने के बाद  मिली। वह लोग परिवार से दूर रहते थे और कई तरह के कार्य करने के लिए नक्सली संगठन के शीर्ष नेता दबाव बनाते थे वहां बराबर प्रताड़ना यातना और कई तरह की पीड़ा दी जाती थी । इससे ऊब कर  सीआरपीएफ आवर बिहार पुलिस से संपर्क किया और सुरक्षा की गारंटी के साथ मुख्यधारा में शामिल हो गए।

आत्मसमर्पण कार्यक्रम में सीआरपीएफ के उपमहानिरीक्षक संजय कुमार। गया के वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा. औरंगाबाद एसपी पंकज कुमार. 159 बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट निशित कुमार. 205 कोबरा बटालियन के कमांडेंट दिलीप कुमार श्रीवास्तव . 153 बटालियन के कमांडेंट एसके चौधरी अपर पुलिस अधीक्षक अभियान कुमार ओमप्रकाश सिंह. अपर पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद राजेश कुमार आदि मौजूद थे।



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