अनवरत बारिश से नदी नालों में बाढ़, मकानों में भरा पानी,कई मकान ध्वस्त



धमतरी। दो दिनों तक हुई झमाझम भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।नदी नाले ,खेत खलिहान,तालाब पोखर लबालब हो गये है।जिससे बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। कई मार्ग में आवागमन बाधित होने की खबर है।वहीं लगातार वर्षा से कई मकान क्षति ग्रस्त हो गये है।जिसकी राजस्व विभाग जानकारी जुटा रही है।


ज्ञात हो कि बुधवार से शुरू हुई झमाझम बारिश गुरुवार रात में भी जारी रही।  शुक्रवार को सुबह बंद हुई।दो दिनों तक अनवरत वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था।लोग अपने घरों में ही दुबके रहे।भारी बारिश से नदी, नाले, खेत खलिहान, तालाब लबालब हो गया है।खारुन नदी में बाढ़ आ गई है।क्षेत्र के कई नाले भी उफान पर है। कुरूद ब्लॉक के कोलियारी, भेडसर, कोर्रा, चरोटा,  चोरभट्ठी-बगदेही,बगदेही-डाही ,देवरी,-कुर्रा,मार्ग में पुल के ऊपर पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है। सेमरा के मुख्य गली में घुटने भर पानी बहने से नाला जैसे प्रतीत हो रहा है।ग्राम गुजरा में शुक्रवार सुबह की स्थिति देखिये -


मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में अब तक 182 मकान आंशिक एवं पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं ।राजस्व अमला ने निरीक्षण के बाद प्रशासन को रिपोर्ट दी है ।मगरलोड क्षेत्र के ग्राम भेंड्री में तीन मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए जिससे 8 सदस्य बेघर हो गए उन्हें सिन्हा सामाजिक भवन  एवं सामुदायिक भवन में ठहराया गया है ।धमतरी तहसील में 60 मकान, कुरूद तहसील में 55, नगरी में 19 और मगरलोड तहसील में 58 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं ।धमतरी तहसील में 13.40 हेक्टेयर और तहसील में 15 हेक्टेयर फसल को क्षति पहुंची है।

अटल आवास में स्थिति बदतर 


कैलाशपति नगर के पास स्थित अटल आवास की स्थिति बदतर हो गई है ।नीचे के लगभग 18 घरों में पानी भरा हुआ था ।रात लोगों ने जागकर ही बिताए। चूल्हा बंद होने की वजह से खाने की व्यवस्था नहीं हो पाई ।लोग अपने बच्चों को गोद में लिए ही बैठे रहे ।अटल आवास की सकुन, चंद्रिका, कांति ने बताया कि गुरुवार दोपहर से पानी भरा है खाने के लाले पड़ गए बर्तन तैर रहे हैं ।बच्चों के लिए दूसरों के घर से मांग कर लाए ।

60 वर्षीय बुजुर्ग सुमित्रा परेशान है उसके घर शोक के कार्यक्रम होने पर दिक्कत हो रही है ।प्रथम तल के रहने वाले सोहन, दुर्गेश ने बताया कि छत जर्जर हो चुका है प्लास्टर के टुकड़े गिर रहे हैं। रात भर पानी टपकता रहा सो नहीं पाए। बड़ी दुर्घटना कभी भी घट सकती है।

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