पुरानी परंपरा के अनुसार नगरी दशहरा का आयोजन मंगलवार को

 

 मंदिर में बस्तर महाराजा का काष्ठ से निर्मित दुर्लभ सिंहासन


नगरी।बस्तर रजवाड़े का प्रमुख केंद्र नगरी में विजयादशमी का महोत्सव अपनी वर्षों पुरानी मान्यताओं के अनुसार मंगलवार एकादशी के अवसर पर रावण भाठा मैदान पर सम्पन्न होगा। बस्तर दशहरा भी आज ही के दिन आयोजित होता है। बस्तर महाराजा का सिंहासन आज भी नगरी के दंतेश्वरी मंदिर में स्मृति स्वरुप रखा हुआ है।जिसे देखकर ऐतिहासिक महत्ता स्पष्ट रुप से प्रतीत हो जाता है।बस्तर महाराजा की परम्परा के अनुसार पांच गांव नगरी के सभी रजवाड़े गांवों में  दशहरा मनाया जाएगा।बस्तर रजवाड़े में नगरी को पांच गांव नगरी के नाम से जाना जाता है । इसके अंतर्गत नगरी, सांकरा,रानीगांव बिरगुड़ी और आमगांव का नाम दर्ज है। 


बस्तर रजवाड़े से  सम्प्रति के कारण नगरी का ऐतिहासिक महत्व है।इस वर्ष नई बस्ती माता सेवा दल के कलाकारों के द्वारा रावण वध का कार्यक्रम संक्षिप्त रूप में संपन्न होगा । केवल औपचारिकताओं को ही अंजाम दिया जा रहा है।रावण का पुतला इस वर्ष विकास सोनी ,मुकेश संचेती,और सौरभ नाग जैसे उत्साही युवकों ने तैयार किया है इसकी ऊंचाई लगभग 10 से 12 फीट की होगी। आतिशबाजी का प्रमुख आकर्षण भी इस आयोजन में देखने को नहीं मिलेगा। रात्रि में आयोजित होने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होगा। थोड़ी बहुत आतिशबाजी जरुर होगी। आयोजक नव आनन्द कला मंदिर नगरी के अध्यक्ष अनिल वाधवानी, कोषाध्यक्ष गजेंद्र कंचन, उपाध्यक्ष होरीलाल पटेल, सुरेश साहू ,अशोक पटेल, मनोज गुप्ता , बलजीत छाबड़ा ,हनी कश्यप ,रवि भट्ट, मुकेश संचेती, विकास सोनी,ललित निर्मलकर संजय भंसाली, सचिव शैलेंद्र लाहोरिया ,सहसचिव नरेंद्र नाग,विशेष सहयोगी नरेश छेदैहा,प्रकाश सोनी व्यवस्था पर जुटे हैं।


 

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