मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं राज्य नोडल अधिकारी ने देखे जिले में सुराजी गांव योजना के कार्य

 





भटगांव, खाड़ादाह और दुगली वन प्रसंस्करण के कार्यों की अधिकारियों ने की सराहना

धमतरी 19 दिसम्बर 2020। प्रदेश की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना (नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी प्रोजेक्ट) के तहत जिले में चल रहे कार्यों व उपलब्धियों की जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री के सलाहकार (राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त)  प्रदीप शर्मा एवं एनजीजीबी की राज्य नोडल अधिकारी तथा कृषि उत्पादन आयुक्त एम. गीता ने शनिवार को ग्राम भटगांव, खाड़ादाह तथा दुगली का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर  जयप्रकाश मौर्य को टिप्स दिए, साथ ही समूहों की आय में वृद्धि के लिए कारगर उपाय करने के लिए निर्देशित किया।


 रायपुर से आई टीम ने सर्वप्रथम जिला मुख्यालय से लगे ग्राम भटगांव में बाड़ी प्रोजेक्ट के तहत महिला स्वसहायता समूहों के द्वारा संचालित कार्यों को देखा। यहां पर तीन एकड़ भूमि में समूह के द्वारा लेमनग्रास, एलोवेरा, गैंदा फूल के अलावा विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियां उगाई गई थीं। समूह के कार्यों को देखकर अधिकारीगण काफी खुश हुए। सलाहकार श्री शर्मा ने समूह की महिलाओं से रू-ब-रू होकर उनके द्वारा किए जा रहे उत्पादन कार्यों की जानकारी ली, साथ ही लागत एवं बचत के बारे में पूछा। 

 

जय मां भवानी महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष किरणलता ने बताया कि यहां उत्पादित लेमनग्रास को छाती स्थित मल्टी युटिलिटी सेंटर में प्रसंस्करण किया जाता है, जिसके बाद इससे निर्मित उत्पादों को बेचा जाता है। उन्होंने बताया कि लेमनग्रास से निर्मित चाय, माॅस्किटो लिक्विड सहित विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इसी तरह गैंदा फूल, एलोवेरा के अतिरिक्त कुंदरू, भिण्डी, पुदीना, धनिया जैसी सब्जियांे की भी खेती समूह के द्वारा सफलतापूर्वक की जा रही है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने समूह के कार्यों की सराहना की तथा इसे और बेहतर बनाने के लिए कलेक्टर को कहा। यहां पर लगाए गए आंवले के पेड़ों से भी फल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयास करने की भी बात उन्होंने कही।


तत्पश्चात् नगरी विकासखण्ड के ग्राम खाड़ादाह में स्थित गौठान का अधिकारियों ने निरीक्षण किया। सलाहकार श्री शर्मा एवं ए.पी.सी. ने पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर चैपाल लगाई तथा गौठान के आय-व्यय की जानकारी ली। उन्होंने कोटना के स्थान पर डबरी बनाए जाने के निर्देश दिए। गौठान समिति के सदस्यों ने बताया कि ग्राम के तीन स्वसहायता समूहों के द्वारा यहां चार वर्मी कम्पोस्ट टांके तैयार किए गए हैं, जहां पर वर्मी खाद का उत्पादन हो रहा है। अब तक 235 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। जागृति स्वसहायता समूह की महिला ने बताया कि यहां पैरादान की स्थिति बेहतर है। अब तक 11 ट्राॅली पैरादान किसानों के द्वारा किया जा चुका है। श्री शर्मा ने गौठान के चारों ओर मिट्टी की बाउण्ड्री वाॅल तैयार करने तथा अधिक से अधिक पशपालकांे को इससे जोड़ने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद अधिकारियों की टीम ने दुगली स्थित लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र का निरीक्षण किया, जहां पर आंवला, माहुल पत्ता, शहद, तिखुर, बैचांदी, हर्रा, बेहड़ा जैसे वनोत्पादों की प्रोसेसिंग समूहों के द्वारा की जा रही थी। साथ ही उत्पादों की आवक, विपणन तथा समूहों की आय के बारे में भी सविस्तार जानकारी ली। इस अवसर पर डीएफओ  सतोविशा समाजदार, जिला पंचायत सी.ई.ओ. नम्रता गांधी, कृषि विभाग के राज्य स्तर के अधिकारी, संचालक उद्यानिकी  बी. माथेशरण सहित संबंधित विभाग के राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारीगण मौजूद थे।



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