जिला टीकाकरण अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डाॅ.
बी.के. साहू ने बताया कि शून्य से पांच साल तक के कुल एक लाख सात हजार
बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत
पहले दिन पोलियो बूथ पर दवा पिलाई जाएगी, जबकि दूसरे एवं तीसरे दिन टीम
द्वारा छूटे हुए बच्चे की घर-घर जाकर उन्हें चिन्हांकित कर खुराक दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 28 मार्च 2014 को भारत
पोलियोमुक्त देश घोषित किया जा चुका है।
डाॅ. साहू ने पल्स पोलियो टीकाकरण के दौरान कतिपय सावधानियां बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि पल्स पोलियो पिलाए जाने के दौरान भीड़ न लगाएं, एक बार में केवल 05 हितग्राही बच्चे की अंदर जाएं, एक-दूसरे से दो गज की दूरी अवश्य बनाये रखें, इस दौरान अपने मंुह पर मास्क जरूर लगाएं, साबुन, सैनिटाइजर से हाथ साफ कर अंदर प्रवेश करें।
साथ ही उन्होंने यह भी सलाह दी है कि ऐसे बच्चे जिन्ह ज्यादा सर्दी, खांसी है, उन्हें बूथ पर न ले जाएं। इन बच्चों को दूसरे दिन टीकाकर्मी घर पर जाकर पल्स पोलिया की खुराक पिलाएंगे। स्वास्थ्यकर्मियों को भी निर्देशित किया गया है कि बच्चों को पोलियो ड्राॅप पिलाते समय उनके चेहरे एवं मंह को स्पर्श न करें, बल्कि उनका मुंह पालक से खुलवाएं।
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