ग्रामीण रेत खदान बंद करने के लिए जिला कलेक्टर से तीन बार शिकायत कर चुके है
पवन निषाद
मगरलोड।पूर्व सरकार के शासन काल मे रेत खदानों में नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई गई थी। नियमों को ताक में ठेकेदारो ने रेत घाट चलाये और करोडों कमाये । सत्ता बदलने के बाद रेत खदानों में पूर्ववर्ती सरकार की कार्यकाल से ज्यादा वर्तमान सरकार के शासन काल मे एनजीटी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
मगरलोड ब्लाक के गिरौद रेत खदान में ठेकेदार द्वारा खुलेआम नियमों को उल्लंघन किया जा रहा है। रेत घाट में मजदूरों से हाइवा लोडिंग कराया जाना है मगर गिरौद घाट में ठेकेदार दो चैन माउंटेट मशीन से दिन -रात हाइवा लोडिंग की जा रही है।ठेकेदार मनमानी ढंग से रेत घाट चला रहे है।जब गांव के ग्रामीणों ने रेत घाट काम मांगने गए थे तो उन पर झूठा केस में फंसाकर कार्यवाही कराया गया था।गिरौद के ग्रामीणों ने रेत घाट को बंद कराने के लिए तीन बार जिला कलेक्टर से शिकायत भी कर चुके है।मगर कोई असर नही हुआ।
ग्रामीण अब रेत घाट को बंद कराने के लिए आंदोलन की तैयारी कर रहे है। रेत खदान में मशीन से होने की शिकायत खनिज विभाग को देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।जिससे उनकी भूमिका पर संदेह हो रहा है।ताज़्जुब की बात यह है कि गिरौद रेत खदान मेघा पुल से दिखाई देता है। आला अधिकारी रोजाना इस पुल से होकर गुजरते है। लेकिन रेत घाट की तरफ अपना आँख बंद कर निकल जाते है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मकान बनाने के लिए नदी से एक -दो ट्रेक्टर रेत ले जाने वाले मालिकों पर कार्यवाही कर सीना तानते है।लेकिन रेत घाट की तरफ मुह मोड़ लेते है। मगर रेत घाटों में नियमों के उल्लंघन पर चुप्पी साध लेते है। सूत्रों की मानें तो ब्लाक के रेत घाटों में सफेदपोश नेतागण शामिल है। कुछ अधिकारियों को खदानों से चढ़वा भेजा जाता है जिससे कारण अधिकारी खदान के आसपास नजर नहीं आते है।वर्तमान सरकार के लोग पूर्व सरकार के ऊपर रेत खनन पर खूब आरोप लगाते थे।अब वर्तमान सरकार ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है।
क्या कहते है अधिकारी
गिरौद रेत खदान में मशीन से उत्खनन होने की जानकारी नहीं है। टीम भेजता हू, अगर मशीन से लोडिंग हो रही है तो कार्यवाही की जावेगी।
सनत साहू, खनिज अधिकारी धमतरी
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