टीका के पहले, टीका के साथ एवं टीकाकरण के बाद भी होम्योपैथिक दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर

 



होम्योपैथिक दवाईयाँ कोविड के प्रत्येक स्टेज में प्रभावी, पोस्ट कोविड कम्प्लीकेशन को तेजी से कम कर रही


इन्दौर। राज्य होम्योपैथी परिषद् मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित वेबिनार कोरोना वायरस से बचाव एवं होम्योपैथिक चिकित्सा हेतु ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली एवं महाराष्ट्र के होम्योपैथिक चिकित्सकों व चिकित्सा विद्यार्थियों ने गूगल मीटिंग के माध्यम से जुड़कर कोविड महामारी और इसके प्रबन्धन पर विस्तार से जानकारी हासिल की।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक व केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसन्धान परिषद्, आयुष मन्त्रालय भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डाॅ. ए.के. द्विवेदी ने विस्तार से समझाते हुये कहा कि, होम्योपैथी दवा का सेवन टीका के पहले, टीका के साथ एवं टीकाकरण के बाद भी किया जा सकता है। होम्योपैथिक दवाईयाँ कोविड के प्रत्येक स्टेज में प्रभावी हैं, पोस्ट कोविड कम्प्लीकेशन को तेजी से कम कर रही हैं तथा एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी वायरल होम्योपैथी में नहीं होने के बावजूद सभी तरह के इन्फेक्षन में लक्षणों के आधार पर सदैव प्रभावी है।


डाॅ. द्विवेदी ने कहा कि, होम्योपैथिक चिकित्सकों के पास सर्वसुविधायुक्त अस्पताल का नहीं होना, इस सदी की सबसे बड़ी कमी रही। यदि होम्योपैथिक चिकित्सकों के पास भी अस्पताल होता तो कई गुना ज्यादा सहयोग कर पाते। वेबिनार में सम्मिलित होम्योपैथिक चिकित्सक व विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुये डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि, बीमारी सम्बन्धित लक्षणों को पहचानकर तुरन्त जाँच करायें, देर या कोताही करने से तकलीफ बढ़ जाती है। इम्युनिटी बूस्टर पर आधारित टाॅपिक पर डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि, हमारे दैनिक आहार में कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जैसे- हरी सब्जी, मसाला, मौसमी फल आदि जिनके सेवन से हमारी इम्युनिटी स्ट्रांग रहती है।  

डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि, होम्योपैथिक चिकित्सकों का वेबिनार कराते रहते हैं। आगे भी कोशिश करेंगे कि सतत् जारी रखें, जिससे कोविड के नये स्टेन और नित नये बदलाव में होम्योपैथी की भूमिका के बारे में लोगों को सटीक जानकारी मिलती रहे। डॉ. द्विवेदी ने उनसे होम्योपैथिक इलाज ले रहे एक म्यूकर मायकोसिस, ब्लेक फंगस के मरीज का केस (वीडियो एवं एमआरआई रिपोर्ट सहित) प्रजेन्ट किया जो लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा एवं होम्योपैथिक चिकित्सा के इस बीमारी पर हो रहे प्रभाव से लोगों ने उत्सुकतापूर्वक जानने का प्रयास किया।


कार्यक्रम आयोजक डाॅ. आयषा अली प्रदेश की जनता में अमन चैन, सुख-शांति के प्रयासरत हैं, प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उनकी टीम सदैव इसके लिये प्रयास भी कर रही है। आयुष विभाग भी लोगों को आयुष चिकित्सा के प्रति जिस तरह से सजग करता आ रहा है, पिछले डेढ़ वर्षों में प्रदेशवासियों ने आयुष को अपनाकर काफी राहत महसूस किया है। आयुष मंत्री  रामकिशोर कांवरे एवं आयुष आयुक्त इसके लिये सतत् प्रयास करते रहते हैं, उन्हीं की प्रेरणा से मध्यप्रदेश राज्य होम्योपैथी परिषद् ने लोगों को इस कोविड महामारी से छुटकारा दिलाने हेतु होम्योपैथिक चिकित्सा से राहत दिलाने के लिये हमारे होम्योपैथिक चिकित्सकों को आॅनलाईन वेबिनार के माध्यम से प्रशिक्षण देने का प्रयास कर रहे हैं।


डाॅ. आयषा अली ने बताया कि, आज का यह वेबिनार अत्यन्त महत्व रखता है, इससे इन्दौर (म.प्र.) के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ. ए.के. द्विवेदी जो कि केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद् में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं तथा पिछले डेढ़ वर्षों से सतत् बीमारी के बचाव, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने माइल्ड तथा माॅडरेट केसेस का इलाज करने एवं पोस्ट कोविड मरीजों की खाँसी, कमजोरी सहित अन्य परेषानी से निजात दिलाने में अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। डाॅ. द्विवेदी  के बारे में वैसे तो हम सभी चिरपरिचित हैं, परन्तु कोविड के दौरान आपके द्वारा किये गये कार्यों ने आपको और बेहतर होम्योपैथिक चिकित्सक के साथ-साथ अनुसन्धानकर्ता एवं लोगों का मसीहा बना दिया है।

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