ग्रामीणों के आँखों से बहते आँसू ने बयां कर दी नंदी की लोकप्रियता, विधि विधान से अंत्येष्टि, मुंडन भी कराया

 


धमतरी।सार्वजनिक जीवन के चलते लोक व्यवहार में लोकप्रियता व्यक्तियों के संबंध में प्रचलित है लेकिन बेजुबान जानवरों के संबंध में यदि उक्त शब्दों का प्रयोग किया जाए तो लोगों के लिए आश्चर्यजनक हो जाता है परंतु लोकप्रियता की वास्तविकता को यथार्थ के धरातल पर ग्राम बोडरा मे एक लंबे समय से विचरण करनेवाले नंदी (सांड)ने सिद्ध कर दी।जिसके निधन पर निकले शवयात्रा पर  गांव के लोग भाव-विभोर होकर रोते नजर आये। विशेषकर युवा वर्ग नंदी बैल की रिक्तता से काफी आहत महसूस कर रहे थे। गांव में दिन भर  मातम का माहौल रहा।अंतिम क्रिया कर्म  पूरे सम्मान, आस्था व श्रद्धा के साथ सनातनी संस्कार से किया गया।यहां तक कि उक्त कार्यक्रम के बाद कुछ लोग  परिवारिक सदस्य की तरह श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मुंडन भी कराया।


नंदी भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निर्वाह करते हुए गांव में होने वाले रामायण के समय दर्शक दीर्घा में पंहुचकर बैठ जाता था मंदिर के आरती के समय भी वह पहुंच जाता था,नेत्रहीन होने से लोगों की आहट,मंदिर की घंटी,लाऊड स्पीकर उसके चलने फिरने के लिए मार्गदर्शक थी। मंदिर के सदस्य उसे रोज चारा पानी सब कुछ उपलब्ध कराते थे 1 वर्ष से अस्वस्थ होने पर पूरे इलाज दवाई की खर्च मंदिर समिति ने उठाया ।

          गांव के वरिष्ठ नागरिक निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा ने बताया कि अकेलापन की भरपाई बेजुबान नंदी अपनेपन से कर जाता था वह प्रत्येक दुखी परेशान तथा समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति के समीप वह स्वयं पहुंचकर मानो वह उसका संहोदर हो ऐसा बनकर प्रेम, अपनत्व से दूर करने का माध्यम बन जाता था।


       अंत्येष्टि कार्यक्रम में समिति समिति संरक्षक डोमार साहू , राजेश्वर साहू , गोपी साहू , रामकृष्ण, रामेश्वर,रवि ,सुनील नागवंशी, जीतेश , संजय,लोमेश , प्रवीण , लिलेश , दुखुराम, परमेश्वर, निरंजन,देवेंद्र आदि युवा  मौजूद रहे । मृतक भगवान शंकर की सवारी नंदी को विधायक रँजना साहू,बालाराम साहू, पूर्व जनपद सदस्य भगत यादव ,नेता प्रतिपक्ष नरेन्द्र रोहरा, चेतन हिन्दूजा, विजय मोटवानी सहित अनेक लोगों ने श्रांद्जंलि अर्पित की है।

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने