हास्य कवि सुरेंद्र दुबे ने सेन समाज से माफी मांगी

 


प्रांताध्यक्ष विनोद सेन ने कहा अब विरोध के आगामी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं, माफी के साथ मामले का पटेक्षेप हो गया 


धमतरी।यू ट्यूब में अपलोड अपनी कविता मोर टूरा के बिहाव, काला छोड़व काला बलाव, को लेकर विरोध के बाद हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे ने सेन समाज से लिखित में माफी मांगी है। उन्होंने माफी मंगते हुए अपनी सफाई में एक वीडियो भी जारी किया है। 

लिखित माफी में डॉ.दुबे ने कहा है कि मेरी कविता की एक पंक्ति से छत्तीसगढ़ सेन समाज का विरोध था। उनका कहना है कि इस लाइन से समाज अपमानित हुआ है । मेरा इरादा समाज का अपमान करना नहीं था। अगर समाज की भावना इससे आहत हुई है तो इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ सेन समाज से माफी मांगता हूं। उन्होंने यह भी कहा है कि उस कविता को उन्होंने यू ट्यूब से  डिलिट कर दिया है। डॉ दुबे ने अपनी कविता में सेन समाज को लेकर जति सूचक बातें लिखी थी उसका सेन समाज ने जमकर विरोध करते हुए कहा कि कवि दुबे ने अपनी कविता में सेन समाज का उपहास उड़ाया था। सेन समाज ने इसका जमकर विरोध किया। पूरे छत्तीसगढ़ में सेन समाज में काफी आक्रोश था और लगभग हर जिले में सेन समाज के लोगों ने डॉ.दुबे का पुतला जलाकर विरोध जताया। अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी।


 सेन समाज के प्रांताध्यक्ष विनोद सेन ने कहा कि कवि डॉ. दुबे ने सेन समाज को लेकर बहुत आपत्तिजनक बातें लिखी थी। जिसके कारण पूरा समाज आक्रोशित हो गया था। उन्होंने माफी मांग ली है और अपनी कविता को यूट्यूब से डिलिट कर दिया है। उन्होंने कहा न केवल सेन समाज बल्कि किसी भी समाज को लेकर इस तरह उपहास नहीं उड़ाया जाना चाहिए। कवि, साहित्यकार समाज को राह दिखाने वाले होते हैं, अगर वे ही इस तरह किसी समाज को लेकर आपत्तिजनक रचना करेंगे तो अनुचित है और स्वाभाविक है इसका विरोध होगा। अब  डॉ.दुबे ने समाज से माफी मांग ली है और वीडियो भी डिलिट कर दिया है तो समाज ने विरोध को लेकर आगामी सारे कार्यक्रम को निरस्त कर मामले को पटाक्षेप कर दिया है। 


 धमतरी जिलाध्यक्ष धनसिंग सेन ने कहा  सरंक्षक मोहित सेन,खिलावन श्रीवास, सचिव भगवानी राम सांडिल्य तथा सदस्य नारायण सेन  सहित जिले के सभी प्रिन्ट एवँ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों का सहयोग रहा।

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