श्रद्धालुओं को दर्शन देने के बाद महाप्रभु लौटे गर्भ गृह में

 


103 साल के इतिहास में दूसरी बार रथयात्रा स्थगित

कलेक्टर एल्मा ने परिवार सहित दर्शन किया


भूपेंद्र साहू

धमतरी।103 साल में यह दूसरी बार है कि जब शहर में जगन्नाथ यात्रा नहीं निकाली गई। इसके बाद भी श्रद्धालुओं में इस पर्व को लेकर उत्साह देखने को मिला। सोमवार की अलसुबह से ही जगदीश मंदिर का पट खोल दिया गया। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के दर्शन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। मनोकामना पूर्ति के लिए उन्होंने श्रीफल चढ़ाकर प्रार्थना की। शाम होते होते भगवान गर्भ गृह लौट गए।


जगदीश मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष डॉ. हीरा महावर ने बताया कि पर्व के मद्देनजर मंदिर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया । भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए सुबह से लोगों का आना शुरू हो गया। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का हाथ गेट में सेनेटाइज किया जा रहा है। पूरे पर्व में कोविड गाइडलाइन का पालन भी हो रहा है।

इस उत्सव में जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. हीरा महावर, उपाध्यक्ष श्याम अग्रवाल, लक्खू भाई भानुशाली, सचिव किरण कुमार गांधी, सहसचिव सत्यनारायण राठी, कोषाध्यक्ष बिहारीलाल अग्रवाल, अजय अग्रवाल, लक्ष्मीचंद बाहेती, गोपाल प्रसाद शर्मा, हरषद मेहता, भरत सोनी, ट्रस्टी श्यामसुंंदर अग्रवाल, मदनमोहन खंडेलवाल, प्रकाश भाई गांधी, मोहन अग्रवाल,विपिन भाई ,दयाराम अग्रवाल, रमेश लाठ, अनिल मित्तल सहित प्रीतेश गांधी, दिलीप राज सोनी, अजीत खंडेलवाल, महेन्द्र पंडित, श्रीराम शर्मा, हर्ष अग्रवाल, चिंटू गांधी, गोवर्धन सोनी, सुबोध ठाकुर, कीर्ति शाह, रवि शर्मा, प्रणय महावर, अंशुल, जतीन, अनुराग महावर आदि का सहयोग रहा।

पंडित बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते इस साल भी रथयात्रा नहीं निकाली गई। 103 साल में यह दूसरी बार मौका लगा है। श्रद्धालुओं में उत्साह था लेकिन प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने की वजह से यात्रा स्थगित करनी पड़ी ।सोमवार को रथयात्रा उत्सव पर मंदिर में सुबह 5 बजे महाआरती की गई। विशेष पूजा-अर्चना के बाद 7:30 बजे भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को गर्भगृह से बाहर निकाला गया। 1 बजे छप्पन भोग लगाया गया। सूर्यास्त के पहले भगवान को पुन: गर्भ गृह में स्थापित कर दिया गया। 135 साल के मंदिर के इतिहास में उनकी चौथी पीढ़ी भगवान की सेवा में लगी हुई है।धमतरी में भगवान जगन्नाथ यात्रा को 100 साल से अधिक हो गए

रथयात्रा के अवसर पर धमतरी विधायक रंजना साहू महाप्रभु के दर्शन कर  प्रसाद ग्रहण किया। 

गजामूंग प्रसाद का वितरण


जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव में महाप्रभु को भोग लगाए गए गजामूंग प्रसाद का विशेष महत्व है। यही वजह है कि महाप्रभु के दर्शन के बाद श्रद्धालु गजामूंग का प्रसाद लेने के लिए नहीं भूलते हैं। इस साल भी करीब 4 क्विंटल चना और मूंग को भिगोकर गजामूंग का प्रसाद बनाया गया है। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को इसका वितरण भी किया जा रहा है।



0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने