कोविड 19 से प्रभावित बच्चों के पुनर्वास एवं संरक्षण हेतु उचित कदम उठाने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने दिए निर्देश

 


हर विकासखण्ड में अगले 15 दिनों के भीतर बाल कल्याण समिति की रखी जाए बैठक : यशवंत जैन



धमतरी 24 अगस्त 2021। धमतरी जिले में शासन की महत्ती महतारी दुलार योजना के तहत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कुल 239 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है, वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण से प्रभावित कुल 56 बच्चों का चिन्हांकन किया गया, जिनमें से 30 बच्चों को स्कूलों में योजना के तहत निःशुल्क स्कूली शिक्षा दी जा रही है। यह वह बच्चे हैं, जिनके परिवार में कमाने वाले सदस्य, माता/पिता की मृत्यु कोरोना से हुई है। उक्त जानकारी मिलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया कि अगले 15 दिनों के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए, ऐसे 239 बच्चों की सूची अनुसार एक योजनाबद्ध कार्यक्रम बनाई जाए और सभी विकासखण्डों में बाल कल्याण समिति के सदस्यों को ले जाकर बैठक कराई जाए। इन बैठकों में संबंधित विकासखण्ड के चिन्हांकित बच्चों को भी बुलाया जाए, ताकि इन बच्चों का आंकड़ा बाल स्वराज पोर्टल पर इंद्राज किया जा सके, जिससे इन बच्चों की समुचित देखभाल और संरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। 


गौरतलब है कि सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन ने बाल कल्याण समिति की बैठक ली। रेस्ट हाउस में आहूत उक्त बैठक में उन्होंने महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जिले के कोविड 19 से प्रभावित बच्चों के पुनर्वास की समीक्षा की। 

            उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी से प्रभावित हुए बच्चे, जो कि अनाथ एवं बेसहारा हो गए हैं, उनकी देखरेख, संरक्षण के तहत शिक्षा एवं आर्थिक मदद की जिम्मेदारी शासन की हो जाती है। अतः जिला शिक्षा अधिकारी ऐसे सभी बच्चे, जिन्हें महतारी दुलार योजना के तहत लाभान्वित नहीं किया जा सका है, उनका पंजीयन करते हुए जल्द से जल्द लाभान्वित करने के लिए सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र भेजें। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि बाल कल्याण समिति के समक्ष जिले के ऐसे 56 बच्चे पेश किए गए, जो कि कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए। इनमें से दो बच्चे बालगृह धमतरी में और दो अनाथ बच्चों को उनकी बुआ के संरक्षण में सौंपा गया है। शेष 52 बच्चों को बाल कल्याण समिति के आदेश अनुसार उनके माता/पिता के सरंक्षण में दिया गया। यह भी बताया गया कि अनाथ बच्चों का पंजीयन पीएम पोर्टल में किया जा चुका है। 


         बैठक में बताया गया कि महतारी दुलार योजना के तहत निःशुल्क शिक्षा एवं छात्रवृत्ति का लाभ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्राप्त 56 में से 30 बच्चों को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिया जा रहा है। इनमें से नौ बच्चे पांच साल से कम आयु वर्ग के हैं। चार बच्चों के माता/पिता की मृत्यु मार्च 2020 से पहले होने की वजह से वे योजना का लाभ लेने के लिए अपात्र हैं और ऐसे 13 प्रकरण हैं, जिन्हें नियत अवधि याने 30 जून 2021 के बाद प्रस्तुत किया गया, जिसकी वजह से इन बच्चों की सूची योजना के तहत लाभान्वित करने जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी गई है। 

          आयोग के सदस्य श्री जैन ने बैठक में समिति के अध्यक्ष  गजानंद साहू एवं अन्य सदस्यों से भी कोविड 19 से प्रभावित बच्चों की उचित देखरेख एवं उनके सर्वोत्तम हित को ध्यान में रख किशोर न्याय (बालकों का देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं आदर्श नियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार पुनर्वास की कार्रवाई करने निर्देशित किया। इस मौके पर श्री जैन ने अनाथ बच्चों के परिवार से दूरभाष के जरिए बातचीत कर बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, पालन-पोषण के संबंधी में जानकारी भी ली। समीक्षा बैठक में समिति के सदस्यों सहित जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग उपस्थित रहे।  

           बैठक के बाद आयोग के सदस्य श्री जैन ने जिला अस्पताल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बच्चों की स्वास्थ्य एवं सुरक्षा व्यवस्था इत्यादि के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।इस मौके पर यशवंत जैन ने अस्पताल के कक्ष क्रमांक 23 में रखे अतिरिक्त सामान को हटाने के निर्देश दिए एवं आपातकाल हेतु दो कमरा बच्चों के लिए तत्काल तैयार रखने भी कहा। 


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