जिले की एक और बेटी ने किया कमाल: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में पायलट के लिए हुआ चयन

 


भूपेंद्र साहू

धमतरी

"मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है,पंख  से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है"

ऐसा ही कुछ सोचा था धमतरी जिले के एक छोटे से गांव भंवरमरा की बेटी ने। जिनका चयन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में हुआ है।कुछ महीनों बाद वह एक कमर्शियल पायलट के रूप में देखी जाएगी। यह न सिर्फ समाज, गांव बल्कि जिले और छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है।

 हम बात कर रहे हैं ग्राम भंवरमरा निवासी किसान नेक लाल साहू और जिला महिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विद्या देवी साहू की बेटी रुद्राणी साहू 19 वर्ष की। जिन्होंने प्रवेश परीक्षा दिलाकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी फुरसतगंज रायबरेली में प्रवेश पाया है।अखिल भारतीय स्तर पर लिखित परीक्षा में पास होने के बाद साक्षात्कार में भी उत्तीर्ण हुई और रुद्राणी का चयन हो गया। 28 सितंबर को वह फुरसतगंज में पहुंचकर अकादमी ज्वाइन करेगी। लगभग डेढ़ साल की कड़ी मेहनत ट्रेनिंग और उड़ान के बाद उसे कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिल जाएगा।फिर वह सभी प्रकार की विमान, हेलीकॉप्टर उड़ा पाएगी। शायद यह धमतरी जिले की पहली बेटी है जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। इससे इससे समाज और धमतरी जिला बेहद गौरवान्वित है।

 4 साल पहले देखा हुआ सपना पूरा हो रहा है

 रुद्राणी साहू ने एमटीआई न्यूज़ से चर्चा के दौरान बताया कि जब वह कक्षा दसवीं में थी तब एयर फोर्स में अवनी चतुर्वेदी का चयन हुआ। तभी से उसने पायलट बनने का सपना देखा था। कक्षा दसवीं तक मॉडल स्कूल में पढ़ाई के बाद वह 11वीं 12वीं केंद्रीय विद्यालय में अध्ययन की। वहां से वह पढ़ाई के लिए साइंस कॉलेज दुर्ग चली गई। 12वीं के बाद से उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने इसके लिए कहीं से कोचिंग नहीं कि सेल्फ स्टडी के माध्यम से इस वर्ष 21 अगस्त को लिखित परीक्षा दी, जिसमें पास होने के बाद 10 सितंबर को उत्तर प्रदेश रायबरेली में साक्षात्कार और एप्टिट्यूड टेस्ट हुआ। पूरे देश से सिर्फ 80 लोगों को इस में लिया जाता है, जिसमें उनका नंबर लग गया। उनका कॉल लेटर आ चुका है 28 सितंबर को वह फुरसतगंज पहुंचकर अकादमी ज्वाइन करेगी। उन्होंने बताया कि 18 माह के कड़ी ट्रेनिंग के बाद कमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त हो जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान ग्राउंड, एयरक्राफ्ट, फ्लाइंग एवं अन्य प्रकार के एग्जाम, के साथ लगभग 200 घंटे की उड़ान होगी। डीजीसीए की परीक्षा के बाद उन्हें लाइसेंस प्राप्त होगा। उनका सपना है कि वह भविष्य में बोइंग  विमान उड़ाए।चर्चा के दौरान बताया कि इस दौरान उनका परिवार का सपोर्ट बेहद अहम रहा दो भाई और दो बहनों में से तीसरे नंबर पर की है। रुद्राणी की बड़ी बहन और भाई पीएससी की तैयारी कर रहे हैं।छोटा भाई 11वीं कक्षा में अध्यनरत है।

मां विद्या देवी साहू महिला कांग्रेस ग्रामीण जिला अध्यक्ष ने चर्चा के दौरान बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी एक पायलट के रूप में देखी जाएगी। खुशी तो बहुत है लेकिन गम भी है कि इतने दूर भेजना पड़ रहा है।लेकिन फक्र है कि धमतरी की बेटी कुछ महीनों बाद एक पायलट के रूप में देखी जाएगी और हम सभी कभी न कभी उनके साथ उसके चलाने वाले हवाई जहाज पर बैठकर सफर करना चाहेंगे। उनकी इस सफलता पर साहू समाज के साथ जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों ने शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।

कहाँ है यह अकादमी

इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, भारत के उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में फुर्सतगंज एयरफील्ड में स्थित एक पायलट प्रशिक्षण संस्थान है। 1985 में स्थापित, यह भारत में ऐसा पहला संस्थान था। यह एक स्वायत्त संस्था है और भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन आता है।यह संस्थान उड़ान प्रशिक्षण आयोजित करता है जिससे वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) प्रदान किया जाता है।



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