आरक्षित वन क्षेत्र में भेड़-बकरियां चराने पर वसूली गई एक लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि

 



कच्छ-गुजरात से आए हुए भेंड़-बकरी चराने वाले 10 परिवारों को अगले दो दिनों के भीतर पशुधन सहित आरक्षित वन से चले जाने की दी गई समझाईश


धमतरी। धमतरी वनमण्डल के केरेगांव स्थित कक्ष क्रमांक 125 आरक्षित वन में गुजरात के कच्छ से पहुंचे दस परिवार लगभग पांच हजार नग भेड़-बकरियां, दर्जनभर ऊॅंट और खच्चर के साथ पहुंचे हुए हैं। इसकी वजह से वन की विनिर्दिष्ट प्रजाति जैसे साल, शीसम, बीजा सहित उपयोगी औषधीय और विलुप्त प्राय प्रजाति के पौधों को क्षति पहुंची है। 

इसके मद्देनजर वनमण्डलाधिकारी सतोविशा समाजदार के निर्देश पर केरेगांव वनपरिक्षेत्र के प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक एवं उनके स्टाफ द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) की विभिन्न धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की गई तथा भेड़-बकरी चराने वाले उक्त 10 परिवारों पर वन अपराध कायम किया गया तथा एक लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि वसूली गई। उप वन मंडलाधिकारी टीआर वर्मा ने बताया कि इन परिवारों को समझाईश दी गई है कि वे अगले दो दिनों के भीतर आरक्षित वन से अपने पशुधन के साथ चले जाएं, अन्यथा प्रतिदिन एक लाख 20 हजार रूपए की क्षतिपूर्ति राशि वसूली जाएगी। 



                                                                  

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