प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश देने अकेला पैदल ही निकल पड़ा युवक

 


 विभिन्न राज्यों का भ्रमण कर छत्तीसगढ़ धमतरी पहुंचा


भूपेंद्र साहू

धमतरी। देशवासियों को प्लास्टिक मुक्त अभियान में शामिल करने कामठी नागपुर का 22 वर्षीय युवक देश भ्रमण के लिए पैदल ही निकल पड़ा है। विभिन्न परेशानियों, आर्थिक तंगी का सामना करते हुए यह युवक 16 राज्यों का भ्रमण कर चुका है। 17 वें राज्य छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने के बाद शुक्रवार शाम धमतरी पहुंचा। आगे उड़ीसा होते हुए सभी राज्यों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।


 25 अगस्त 2020 जब देश कोरोना की चपेट में था तब कामठी निवासी रोहन अग्रवाल सिर्फ 20 वर्ष की उम्र में अपनी पढ़ाई को छोड़ देशवासियों को प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश देने निकल पड़ा। शुक्रवार को धमतरी पड़ाव में रात्रि विश्राम करने के बाद शनिवार सुबह कांग्रेसी नेता आनंद पवार ने उनका स्वागत किया।इस दौरान गौतम वाधवानी एवं अन्य साथी मौजूद थे। रोहन अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि 20 वर्ष का छात्र था उसके मन में इच्छा जागी लोगों को प्लास्टिक से होने वाली हानियों को बताया जाय। 25 अगस्त को वाराणसी से इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश से यात्रा की शुरुआत कर राजस्थान होते हुए अब तक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, तेलंगाना सहित 16 राज्यों का भ्रमण करते हुए  छत्तीसगढ़ पहुंचा। रोजाना लगभग 30 से 40 किलोमीटर का सफर करता है। बीच-बीच में किसी से लिफ्ट भी ले लेता है। लेकिन बस, ट्रेन और एरोप्लेन में सफर नहीं करता । जहां पर शाम होती है मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, पुलिस स्टेशन, सामुदायिक भवन जहां उसे स्थान मिलता है वही रात गुजार लेता है।


 छत्तीसगढ़ के लोग सबसे अच्छे लगे

 चर्चा के दौरान रोहन ने बताया कि अब तक जितने राज्यों में वह सफर किया है सबसे अच्छा कर्नाटक लगा था। उसके बाद अब छत्तीसगढ़ के लोगसबसे अच्छे लगे हैं। बेहद सरल स्वभाव और सहयोगी किस्म के लोग हैं। यहां के लोगों से वह बेहद प्रभावित हुआ है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों का जिस तरह से दहशत था वहां उन्हें कोई डर नहीं लगा। लोगों ने उनकी काफी मदद की।

 जब एक चोर ने की मदद 

रोहन ने बताया कि यात्रा के दौरान वह चंबल के बीहड़ इलाकों से गुजर रहा था तब एक चोर डाकू किस्म का व्यक्ति से उसका सामना हुआ। पहले तो उसने पास रखे सभी सामान और पैसे की मांग की उसके पास कुछ नहीं था। तब उसको एक चीज ख्याल आया कि अपनी बात लोगों तक जरूर रखनी चाहिए। फिर उसने कहा कि फांसी देने वालों की भी बात सुनी जाती है तो आप उसकी 5 मिनट बात सुन लीजिए। जब उसने अपने उद्देश्य के बारे में बताया और कैसे निकला है उसे बताया तो वह चोर बेहद प्रभावित हुआ सिर्फ उसे खाना खिलाया बल्कि 1000रु भी दे कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। ऐसे बहुत सारे वाकिये उसके साथ हुए।

 आगे विदेश जाने की भी है मंशा

 छत्तीसगढ़ होते हुए उड़ीसा पहुंचेगा इसके बाद पूर्वोत्तर राज्यों यात्रा करने के बाद जब भारत के सभी राज्य पूर्ण हो जाएंगे तो वह बांग्लादेश,म्यामांर जैसे 13 राज्यों की भी यात्रा करना चाहेगा।



 परिवार वालों की नहीं थी इच्छा

जब वह 25 अगस्त को निकला तो परिवार वालों की इच्छा नहीं थी। इतनी कम उम्र में उनका बेटा कहां जाएगा कैसे लोगों को सामना करेगा। लेकिन जैसे तैसे समझा कर वह निकला है। इस लगभग डेढ़ साल में दो बार घर होकर आ चुका है। उनके पिता का एक छोटा सा जूस का व्यवसाय है  मां के साथ एक बहन है, छोटा सा परिवार उनका है। उन्होंने बताया कि रास्ते में जिस जगह से गुजरता है वहां लोग आर्थिक मदद कर देते हैं। इसलिए परेशानी नहीं होती है। उसने लोगों को संदेश दिया कि प्लास्टिक का उपयोग हम नहीं कर अपने स्वास्थ्य की किस प्रकार से रक्षा कर सकते हैं। प्रशासन को भी ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में प्लास्टिक का एक अलग रखना चाहिए जो भी प्लास्टिक संग्रहित होता है उसे रीसाइक्लिंग कर उसका मुनाफा भी लिया जा सकता है।

उसने चर्चा के दौरान बताया कि जब यात्रा पूरी हो जाएगी तो अंतिम पड़ाव में गुरुकुल स्थापना करेगा ताकि लोगों को एक अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके।



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