अक्ती छत्तीसगढ़ की विशेषता से जुड़ा अनोखा पर्व: विजय देवांगन

 

 


धमतरी। नगर पालिक निगम महापौर विजय देवांगन ने क्षेत्र वासियों को अक्ती (अक्षय तृतीया)की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन प्रदेश सरकार द्वारा माटी पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। अक्ती छत्तीसगढ़ विशेषता से जुड़ा अनोखा पर्व है छत्तीसगढ़ में पर्वों और कुछ विशेष तिथियों के भीतर की कथा का अपना महत्व है अक्ती पर कवि मुकुंद की पंक्तियां याद आती है ।

  ‘मया दया के ये दोना ,माटी उपजावै सोना/आस हमर विश्वास हमर ,भूईया संग अगास हमर/‘ नदिया– नरवा,कुआ–बावली, बखरी अऊ खलिहान/ इहे बसे हे हमर परान ।

   अक्षय तृतीया अर्थात अक्ती के दिन बच्चे अपनी मिट्टी से बने गुड्डे गुड़ियों अर्थात पुतरा–पुतरी का ब्याह रचाते हैं । कल जिन बच्चों को ब्याह कर जीवन में प्रवेश करना है वे, परंपरा को इसी तरह आत्मसात करते हैं बच्चे, बुजुर्ग बनकर पूरी तन्मयता के साथ अपनी मिट्टी से बने बच्चों का ब्याह रचाते हैं ।इसी तरह वे बड़े हो जाते हैं और अपनी शादी के दिन बचपन की यादों को संजोए हुए अक्ती के दिन मंडप में बैठते हैं अक्ती के दिन महामुहूर्त होता है बिना पोथी–पतरा देखे इस दिन शादियां होती है ।

अक्षय तृतीया से नई फसल की तैयारी शुरू होती है ।मिट्टी के गुड्डा गुड़िया की शादी की परंपरा से हमारे पुरखों ने इस त्यौहार को धरती से जोड़ा है ।जिसे हम जीवन का आधार माटी को जीवंत मानकर उसका आदर सम्मान करे ।



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