माउंट एवरेस्ट के गोरखशेप में खाया गया बोरे-बासी

 


अक्ती तिहार और ईद के मौके पर माउंट एवरेस्ट के बेसकैम्प में लहराएंगे तिरंगा और गाएंगे छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत


रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आव्हान पर 1 मई को श्रम दिवस के मौके पर श्रमिकों के सम्मान में छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के कोने-कोने में रहने, बसने वाले छत्तीसगढ़ियों ने राज्य के खान-पान और संस्कृति के सम्मान में बोरे-बासी खाकर छत्तीसगढ़ के लिए अपने प्रेम को दर्शाया है। बोरे-बासी खाने का नजारा माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प के समीप गोरखशेप में भी देखने को मिला। मिशन इनक्लूशन की टीम ने माउंट एवरेस्ट की 5200 मीटर ऊंची चोटी  के पास गोरखशेप में बोरे-बासी का लुत्फ उठाया। इनक्लूशन टीम को बोरे-बासी खाता देख विदेशी पर्यटकों ने भी उत्सुकता दिखाई तो उन्हें भी छत्तीसगढ़ के इनक्लूशन टीम के युवाओं ने उन्हें भी बोरे-बासी का स्वाद चखाया और मौजूद पोषण के बारे में भी जानकारी दी। 


पर्वतारोहण के लिए गए ट्रेकर व शासकीय सेवक आशुतोष पांडेय, पैरा एथलिट व पर्वतारोही चित्रसेन साहू, राष्ट्रीय व्हील चेयर बास्केटबॉल खिलाड़ी चंचल सोनी, ब्लाइंड पैरा जूडो खिलाड़ी रजनी जोशी, अनवर अली, पर्वतारोही निक्की बजाज, फिल्म मेकर गुंजन सिन्हा, ट्रैकर पेमेन्द्र चन्द्राकर और व्यवसायी राघवेन्द्र चंद्राकर ने माउंट एवरेस्ट के बेसकैम्प के निकट गोरखशेप पर बोरे-बासी का लुफ्त उठाया। गौरतलब है कि पहली बार माउंट एवरेस्ट के बेसकैम्प के पर्वतारोहण के लिए दिव्यांगों की टीम निकली है। यह टीम 3 मई को अक्ती तिहार और ईद के मौके पर माउंट एवरेस्ट के बेसकैम्प पहुंचेगी। वहां तिरंगा लहराकर छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत गाया जाएगा।

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