सड़क की दुर्दशा से त्रस्त नदी तट के ग्रामीण आरपार की लड़ाई लड़ने उतरे

 



रेत से करोड़ों की राँयल्टी देने वाला महानदी का यह क्षेत्र उपेक्षा का झेल रहा है दंश


धमतरी।कोलियरी-खरेंगा-दोनर- जोरातराई के बीस किलोमीटर की सड़क में भारी वाहनों के चलने के कारण  बड़े-बड़े गड्ढे अब लोगों के लिए खतरा का सबब बन गया है। जिस पर चार पहिया तो दूर दो पहिया वाहन भी चलने के लायक नहीं है। आए दिन कोई न कोई दुर्घटनाएं होती रहती है। बीमार व्यक्ति को अति शीघ्र चिकित्सा सेवा हेतु शहर पहुंचाने में विलंब के कारण अनेक लोगों को जान भी गंवाना पड़ा है। क्षेत्र के ग्रामीण निरंतर शासन प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों का ध्यान एक लंबे समय से इस ओर आकर्षित कराते आ रहे हैं लेकिन सड़क निर्माण की दिशा में कोई ठोस व सार्थक पहल ना होता देख ग्राम वासियों के सब्र का बांध अब टूट पड़ा है।


 रोज सड़क पर युवाओं का हुजूम उमर कर अपने अधिकार की लड़ाई के लिए आप स्वयं कमर कस ली हैं तथा किसी और के ऊपर निर्भर ना रहते हुए गांव के हित को सर्वोपरि बताकर भारी वाहनों को रास्ते में चढ़ने से रोज रोककर गांव-गांव में धरना दे रहे हैं।लाउडस्पीकर के माध्यम से यह प्रसारित किया जा रहा है कि अब लड़ाई ग्राम वासियों को ही लड़नी पड़ेगी। 20 वर्षों से सरकार का मुंह ताकते ताकते 20 कदम भी सड़क निर्माण नहीं हो पाया ऐसे में या लड़ाई अब आर-पार की होगी या तो सड़क बनेगी या तो भारी वाहनों का प्रवेश हमेशा के लिए यहां बंद रहेगा। उक्त आंदोलन का केंद्र बिंदु बने दर्री ग्राम में अनेक ग्रामों के मुखिया आकर इस आंदोलन का समर्थन करते हुए आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं कि सड़क नाम की एक चीज बची नहीं है पूरे गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे हैं ऐसे में विकास की बात कहने वाले लोगों के मुंह पर तमाचा है।



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