छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास के नियमितिकरण अधिनियम को लेकर अपर कलेक्टर ने ली बैठक

 


राजस्व अधिकारियों को संशोधित अधिनियम के प्रावधानों की दी जानकारी

धमतरी। प्रदेश के नगरीय निकायों व नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्र द्वारा घोषित निवेश क्षेत्र में बने अवैध निर्माण को नियमित करने लिए प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण (संशोधन) अधिनियम एवं छत्तीसगढ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण (संशोधन) नियम 2022 को लागू किया गया है। उक्त संशोधित अधिनियमों के क्रियान्वयन को लेकर अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने बैठक लेकर नियम के तहत आवेदन प्राप्त करने तथा निराकरण के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी। उन्होंने उक्त प्रावधानों का आम नागरिकों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए, जिससे लोगों को इसका आसानी लाभ मिल सके।


 अपने कक्ष में बैठक लेकर अपर कलेक्टर ने बताया गया कि 120 वर्गमीटर तक अनधिकृत आवासीय भवनों का प्रस्तुत आवश्यक दस्तावेंजो के आधार पर निःशुल्क नियमितीकरण किया जाएगा। अनधिकृत विकास में निधारित प्रयोजन से भिन्न भूमि के उपयोग परिवर्तन करने पर उस क्षेत्र की भूमि के लिये वर्तमान में प्रचलित कलेक्टर गाइडलाइन दर का 5 प्रतिशत अतिरिक्त शास्ति के तौर पर देय होगी। उन्होंने आगे बताया कि अनधिकृत विकास निर्धारित पार्किंग की कमी होने पर प्रत्येक कार स्थान की कमी के लिये 50 हजार रूपये शास्ति राशि आवेदक द्वारा देय होगा। ऐसी गैर लाभ अर्जन करने वाली संस्थाएं जो लाभ अर्जन के उद्देश्य से स्थापित न की गई हो, के अनधिकृत विकास के प्रत्येक प्रकरण में शास्ति प्राक्कलित राशि के 50 प्रतिशत की राशि दर से देय होगा। इसके लिए संबंधित मकान मालिकों को निर्धारित प्रारूप में संबंधित नगरीय निकायों एवं नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा। 

 अपर कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिन भू-स्वामियों के द्वारा सक्षम अधिकारी से बिना स्वीकृति के भवन निर्माण करा लिया गया हो या अनुमोदित विकास अनुज्ञा/भवन निर्माण अनुज्ञा अभिन्यास से भिन्न निर्माण कार्य कराया गया हो वे उक्त नियम के तहत निर्धारित शिस्त राशि जमाकर अपना भवन नियमित करा सकते हैं। यह अधिनियम व नियम राजपत्र में अधिसूचित 14 जुलाई 2022 के पूर्व अस्तित्व में आए भवनां पर ही लागू होगा। बैठक में एसडीएम  विभोर अग्रवाल, आयुक्त नगर निगम विनय पोयाम, सहायक संचालक नगर एवं ग्राम निवेश ललिता धुर्वे सहित तहसीलदार व अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद थे।




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