सशक्त, समृद्ध व विकसित भारत के संकल्पों के अनुरूप अमृत काल में यह बजट देश को नई उन्नति प्रदान करने वाला है - रंजना साहू

 


समावेशी विकास,बुनियादी ढांचे,निवेश,क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत निर्माण की बुनियाद का बजट बताया


धमतरी।देश की आज़ादी के 75वर्ष पूर्ण होने पर देश अमृत काल मना रहा है उसी अमृत काल के दौरान वर्ष 2023-2024 का वीत्तीय बजट देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  संसद में बुधवार को पेश किया। जिसमें 7 लाख तक की कमाई वालों को टैक्स से राहत सहित विभिन्न महत्वपूर्ण बातों को उन्होंने बजट में स्थान दिया है।


धमतरी विधायक  रंजना डिपेंद्र साहू ने बजट को सर्वसमावेशी व लोक कल्याणकारी बजट बताया। श्रीमती साहू ने कहा समृद्ध भारत निर्माण की दिशा में अमृत काल का यह 2023-24 का बजट ऐतेहासिक है जहाँ गाँव, गरीब, किसान, महिला, युवा, मध्यमवर्ग, जनजातीय समाज सहित प्रत्येकवर्ग का ध्यान रख कर सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मंत्र के साथ वैभवशाली राष्ट्र बनाने में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा, इस बजट से भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है,2014 के बाद केंद्र सरकार की नीतियों के कारण लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है और प्रति व्यक्ति आय दोगुनी होकर 1.97 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। वहीं, अब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पीएम आवास योजना पर खर्च को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।  आदिवासी बच्चों के लिए अगले तीन सालों में 740 एकलव्य स्कूल में 38,800 शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। मेडिकल शिक्षा को बढ़ाने के लिए 2014 से बने मौजूदा 157 मेडिकल कॉलजों के साथ कोलोकेशन नें 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेलवे को 2.40 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए। केंद्र सरकार पीएम कौशल विकास योजना के चौथे चरण को लॉन्च करेगी। इसके तहत सरकार देश के सभी 30 स्किल इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे। महिला सेविंग सम्मान पत्र को लॉन्च किया जाएगा। इसमें दो लाख तक निवेश किए जा सकेंगे। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम की सीमा को बढ़ाकर 15 से 30 लाख रुपये किया। बजट 2023 में नया इनकम टैक्स स्लैब लागू कर दिया है। इसमें आम लोगों को बड़ी राहत दी गई है। 



वहीं इस बजट में मध्यमवर्ग को सबसे बड़ी राहत देते हुए 7 लाख रुपए तक कि कमाई करने वालों को टैक्स में छूट दी गई है,वहीं किसानों को सक्षम और सशक्त बनाने मोटे अनाज को विशेष पहचान 'श्री अन्न' के नाम से दी जाएगी तो वहीं मछुआरों के उत्थान के लियर 6000 करोड़ का लक्षित निवेश तो पशुपालन डेयरी वालों को ध्यान में रखकर कृषि ऋण के लक्ष्य को भी बढ़ाया गया। यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ साथ आजादी के अमृत काल यानी 75वें वर्ष से लेकर आजादी के 100वें वर्ष तक विकसित भारत का ब्लूप्रिंट भी प्रस्तुत करता है जिसमें गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों और आर्थिक रूप से पिछड़ों तथा मध्यम वर्ग के लोगों का पुरा ख्याल रखा गया है।

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