राजिम माघी पुन्नी मेला का समापन महाशिवरात्रि पर : जुटेगी लाखों की भीड़

 


महाशिवरात्रि के मद्देनजर मेला क्षेत्र में 150 कैमरा और 13 सौ जवान रखेंगे चप्पे-चप्पे पर नजर


पवन निषाद

मगरलोड। राजिम माघी पुन्नी मेला में महाशिवरात्रि पर बड़ी भीड़ जुटने की अंदेशा के चलते जिला प्रशासन के द्वारा चुस्त-दुरुस्त तैयारियां की है। एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में डेढ़ सौ सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं तथा 13 सौ पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। बता देना जरूरी है कि महाशिवरात्रि पर पहट तीन बजे से ही त्रिवेणी संगम में स्नान करने का क्रम शुरू हो जाता है। जो देर सबेरा तक चलता रहता है। इस दिन शाही स्नान भी की जाती है। साधु संत बड़ी संख्या में आते हैं और सबसे पहले नागा साधु उसके बाद अन्य साधु संत तथा आम श्रद्धालु स्नान करते हैं। 


लंबे चौड़े वर्गाकार क्षेत्रफल में स्नान कुंड बनाए गए हैं। यह कुंड पर साधु संत पहले स्नान करेंगे उसके बाद आम श्रद्धालु स्नान करते है। वैसे भी पूरे नदी क्षेत्र में सीमेंट की बोरियों को रखकर स्नान की व्यवस्था की गई है। सोंढूर, पैरी, महानदी के पानी को एक ही स्थान पर मिलाया गया है जिससे संगम में स्नान करने का अवसर श्रद्धालुओं को मिला हुआ है। नदी पर रेत की सड़के बनाई गई है। जरूरी सामान को लाने, ले जाने के लिए पत्थर की सड़के को मूर्त रूप दिया गया है। अखाड़े के साधु संत नगर भ्रमण करते हुए नदी क्षेत्र पहुंचेंगे उसके बाद पुण्य स्नान किया जाएगा। इस दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। मंदिरों में भीड़ रहेगी तथा रेत से शिवलिंग बनाकर जलाभिषेक पूजन अर्चन करेंगे। मंदिरों में होने वाली भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए बैरिकेट्स लगा दिए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन लाभ मिल सकें।

 महाशिवरात्रि में सुबह से लेकर देर रात तक कार्यक्रम होंगे जिसमें सुबह स्नान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, महानदी आरती के अलावा रामायण और मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ में पहुंचकर समापन समारोह में शामिल होंगे।मेला क्षेत्र के आसपास कुल 19 पार्किंग बनाए गए हैं जहां पर पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। मेले में बिजली विभाग के द्वारा लाइटिंग की गई है। लक्ष्मण झूला का दृश्य देखते ही बन रहा है। भीड़ के मद्देनजर महाशिवरात्रि को लक्ष्मण झूला बंद कर दिया गया है। दर्शनार्थी पैदल चलकर महादेव का दर्शन करेंगे।धूप को देखते हुए मंदिरों के सामने पंडाल लगा दिए गए हैं।



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