माह भर में दगा देने लगा 52 लाख का भवन, जम गई काई, टाईल्स हुए बदरंग, उखड़ने लगे बोर्ड


  नगर पंचायत भवन में सामने आने लगी खामियां 


 वतन जायसवाल 
बलौदाबाजार। महीने भर पहले ही बड़े तामझाम के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने जिस 52 लाख के भवन का लोकार्पण किया था। वह अभी से ज़वाब देने लगी है। जो सरकारी निर्माण कार्य में हुई भारी खामी को उज़ागर कर रही है। सराकर की मंशा "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" को यह भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाने को आतुर है। 
 
 कसडोल नगर पंचायत को जिसका इंतजार था वह भवन आख़िरकार मिल ही गया। गत 19 अक्टूबर बड़े ही तामझाम के साथ एक समारोह में इस भवन का लोकार्पण प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री डाँ. शिव कुमार डहरिया ने किया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक शकुंतला साहू ने किया था। विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पंचायत अध्यक्ष योगेश बंजारे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश यदु, जिला महामंत्री अविनाश मिश्रा, नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रदीप मिश्रा शामिल थे। उक्त कार्यक्रम में कसडोल के सैकड़ो लोग भी सम्मिलित हुए। 
 एक अदद लंबे इंतजार के बाद जब नगर पंचायत को उसकी जरूरत के आधार पर भवन मिला तो यहाँ के कर्मियों के आलावा आमजनों का भी मन प्रफुल्लित हो उठा था। क्योंकि पुराना भवन ग्राम पंचायत कार्यालय था। नगर पंचायत बनने पर इसे ही कार्यालय बनाकर समय समय पर इसमें सुधार कार्य कराया जाता था। जो की नाकाफ़ी था। इसलिए काफ़ी समय से ही नवीन भवन की मांग की जाती रही है।
 
 सरकार ने नगर पंचायत के लिए 52 लाख रुपए के नवीन भवन की स्वीकृति दी। पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को तोड़ कर उस शासकीय जगह पर ही नगर पंचायत का आलीशान भवन तैयार किया गया। वैसे तो यह भवन नगर पंचायत के अभियंता की देखरेख में तैयार हुआ है। अध्यक्ष भी स्वयं समय समय पर निर्माण कार्य का जायजा लेते थे। किंतु इन सब के बाद भी नए भवन में भारी कमियां नजर आई।
 भवन में पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने से दीवारों पर अभी से काई जम गई है। पोर्च की टाईल्स के बीच गेप बढ़ने लगे है। जिसे देख कर ही पता चल जाएगा कि आखिर यह कितने दिन तक टिकेगी। 
  कमरों के दरवाजों की फिटिंग भी भगवान भरोसे की गई है। दरवाजों के खुलने और बंद होने से किनारों की दीवार मात्र माह भर में ही उखड़ने लगी है। लाखों के इस भवन में बिज़ली फिटिंग भी कामचलाऊ तरीके से किया गया है। बिजली का बोर्ड दीवारों का साथ छोड़ने लगा है। जो जल्द ही उखड़ने की कगार पर है। 
भवन को खूबसूरत बनाने के लिए सफेद टाईल्स लगाएं गए है। जो अब बदरंग हो चुके है। टाईल्स में भी गंदगी की एक मोटी पर्त जम गई है। जिसे देखकर लगता है कि लगाते समय इसकी सफ़ाई पर ज़रा भी ध्यान नहीं दिया गया है। 
 भवन के प्रथम तल की ओर जाने वाली सीढ़ी में लगे स्टील की रेलिंग के तो कहने ही कुछ और है। पता नहीं किस तरीके से इसे फ़िट किया गया है। जो भवन की खूबसूरती पर धब्बा लगा रही है। लगता है ठेकेदार और अभियंता ने सीढ़ियों का काम भी बड़े ही अनमने तरीके से करवाया है। 
 माह भर में ही इस आलीशान भवन में खामियों पर खामियां निकलने लगी है। जो इसके निर्माण में बरती गई धांधली और अनियमितता की पोल अभी से खोलने लगी है।

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