कलेक्टर ने किया धान खरीदी केन्द्रों का औचक निरीक्षण, कपालफोड़ी समिति प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस




धमतरी। कलेक्टर रजत बंसल ने शनिवार को  कुरूद व मगरलोड विकासखण्ड के धान खरीदी केन्द्र गाड़ाडीह, भेण्डरी और कपालफोड़ी का औचक भ्रमण कर व्यवस्था का मुआयना किया। भेण्डरी में किसानों से भेंट कर उन्होंने विभिन्न धान खरीदी के संबंध में समस्याओं पर सकारात्मक चर्चा की। इसी तरह कपालफोड़ी धान खरीदी केन्द्र में बारिश के चलते शासन के निर्देशानुसार स्टेकिंग में दो स्तरीय डनेज की व्यवस्था नहीं किए जाने पर केन्द्र प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा ग्राम पंचायत खिसोरा में आईडब्ल्यूएमपी में नाला निर्माण के गुणवत्ताविहीन कार्य पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसकी जांच कार्यपालन अभियंता जल प्रबंध संभाग क्रमांक-90 से कराने व संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए।
कलेक्टर श्री बंसल ने मगरलोड क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों का दौरा धान खरीदी केन्द्र की व्यवस्था और नाला निर्माण कार्य का जायजा लिया। वे पहले कुरूद विकासखण्ड के ग्राम गाड़ाडीह में स्थित सहकारी समिति का आकस्मिक निरीक्षण किया, जहां पर पंजी में दर्ज संख्या के अनुरूप समिति में उपलब्ध बारदानों की संख्या से मिलान किया। इसके अलावा अपने समक्ष बारदाना गठानों की गिनती कराई तथा धान-उठाव प्रगति की समीक्षा की। साथ ही स्टैकिंग रखरखाव सहित विभिन्न पंजियों का मिलान किया एवं आवश्यक दिशा-निर्देश समिति प्रबंधक को दिए। इसके बाद वे मगरलोड विकासखण्ड के ग्राम भेण्डरी में स्थित धान उपार्जन केन्द्र पहुंचे। यहां पर धान बेचने आए किसानों से चर्चा की तथा उनकी समस्याएं सुनकर समिति प्रबंधक को नियमानुसार खरीदी करने और उचित व्यवस्था करने के निर्देश के मौके पर दिए। तदुपरांत धान खरीदी केन्द्र कपालफोड़ी में कलेक्टर ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्टैकिंग में दो स्तरीय डनेज की जगह सिंगल लेयर से ही डनेज तैयार किया गया था। इस पर कलेक्टर ने धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी श्री ईश्वरी साहू को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश खाद्य अधिकारी श्री बी.के. कोरम को दिए।

नाले पर गुणवत्ताविहीन रपटा निर्माण, जांच के दिए निर्देश- इसके उपरांत एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी) के तहत ग्राम खिसोरा में चल रहे नाला निर्माण कार्य का भी कलेक्टर ने जायजा लिया, जहां पर कार्य में गुणवत्ता नहीं दिखी, साथ ही निर्माण कार्य में अनियमितता नजर आई। मौके पर कार्यपालन अभियंता जल संसाधन श्री ए.के. पालड़िया से तकनीकी परीक्षण कराया गया, जिस पर उन्होंने बताया कि नाले पर स्टाॅप डैम सह रपटा निर्माण में पत्थरों के जोड़ में सीमेंट की फिलिंग करनी होती है, जबकि उसमें सीमेंट की जगह मिट्टी से जोड़ाई की गई थी। साथ ही उसमें पानी का रिसाव हो रहा था, जो काफी गम्भीर त्रुटि थी। इसके अलावा उसमें प्रयुक्त होने वाले ज्यादातर मटेरियल भी गुणवत्ताविहीन पाए गए। इसे संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने जिले में आईडब्ल्यूएमपी के तहत निर्माणाधीन सभी कार्यों की जांच कार्यपालन अभियंता जल प्रबंध संभाग कोड-90 से कराने और जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए तथा आईडब्ल्यूएमपी के तकनीकी विशेषज्ञ श्री अशोक नेताम और मृदा संरक्षण अधिकारी श्री राकेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित किया।

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