गणेश चतुर्थी में गोबर से निर्मित ’’ओज़’’ गणेश की मूर्तियां होंगी स्थापित

 


समूह की महिलाओं ने निर्मित की  गणेश की मूर्तियां



धमतरी।जिला प्रशासन धमतरी की पहल पर स्वावलंबी स्वसहायता समूह छिपली की महिलाओं द्वारा मल्टीयुटीलिटी सेंटर छाती में गोबर से निर्मित गणेश जी की प्रतिमा को आकर्षक व सुसज्जित रंगों से मूर्त रूप दिये जा रहे हैं। यह मूर्ति  प्लास्टर व मिट्टी से बनी मूर्तियों को भी पीछे छोड़ दिया। चांवल, गेहँू, उड़द, मूंग व मक्का के बीजों से नया लुक देकर इस साल लोगों को नयनाभिराम  के दर्शन करायेंगे।  

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम्रता गांधी ने बताया कि कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार ’’ओज़’’ नाम से गोबर से बनी हस्त निर्मित भगवान गणेश की प्रतिमाएं महिला समूह के द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है जिसमें चांवल, उड़द, मूंग, मक्का के दानों को आकर्षक बनाने के लिए किये जा रहे हैं।


राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत धमतरी के ग्राम छाती स्थित मल्टीयुटीलिटी सेंटर में नगरी विकासखंड के ग्राम छिपली की महिलाओं द्वारा 1300 नग गणेश जी की आकर्षक मूर्तियां बनाई हैं। स्थानीय स्तर पर लोगों के मांग पर 200 रूपये के प्रतिमान सेे 500 नग गणेश जी की मूर्ति का आर्डर हो चुका है। पूजा के लिए लोग गोबर से बनी गणेश जी की मूर्ति को शुभ मानते हैं। इसलिए इनकी मांग भी बढ़ रही है। मूर्ति इतनी साफ है कि विसर्जन के दौरान जल्द ही पानी में घुल जायेगी। अब समूह की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होते जा रहे हैं।


समूह द्वारा अब तक 1300 नग गणेश जी की आकर्षक मूर्तियां निर्मित कर चुके हैं। 500 नग मूर्तियों का गणेश चतुर्थी में स्थापना हेतु आर्डर हो चुका है। समूह की महिलाएं मूर्तियों को अंतिम रूप देने में दिन-रात जुटे हुए हैं। पहले श्रद्धालु साईज के हिसाब से ही मूर्तियां बनवाते थे, पर अब सुंदरता, कलर मैचिंग, कपड़े व सजावट को पहली प्राथमिकता देते हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धमतरी की महिला समूहों द्वारा स्थायी संसाधन बांस, गोबर, फूल और सब्जियों के बीजों का उपयोग कर 10 हजार राखियां बनाई थी जिन्हें भरपूर सराहना मिली के तारतम्य में महिलाओं का उत्साह दुगुना हुआ। महिलाएं स्वप्रेरित होकर गोबर से गणेश जी की  आकर्षक मूर्तियां बनाने से नहीं चुके।

स्वावलंबी स्व-सहायता समूह छिपली अध्यक्ष  दुर्गेशनंदनी साहू, सचिव  ग्वालिन यादव, उषा साहू, स्व-सहायता समूह छाती लक्ष्मी चंद्राकर ने बताया कि-गोबर से बनी गणेश जी की मूर्ति में पंचतत्व (हवा, पानी, मिट्टी, अग्नि व वायु) का वास माना जाता है। गोबर से बनी गणेश जी की मूर्ति के दर्शन व पूजा अर्चना करने मात्र से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। गोबर से बनी गणेश जी की मूर्तियों की पूजा-अर्चना करने से हमारी व घर की नकारात्मक ऊर्जा तो नष्ट होती ही है साथ ही अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ है तो वह भी शांत होता है।

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