कोरोना काल मे तीजा पर लगने लगा ग्रहण,ऐसे हो रही है मुनादी



बहू बेटियों के आने-जाने पर लगने लगा रोक


भुपेंद्रसाहू
धमतरी।कोरोना संक्रमण कॉल का छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों पर असर पड़ने लगा है।वर्षों पुरानी परंपरा पर अघोषित विराम  की स्थिति आ गई है।कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए इन दिनों गांवों में मुनादी की जा रही है। जिसमे तीज पर्व के लिए बेटी-बहनों को ससुराल से मायके लाना और बहुओं को मायके भेजना प्रतिबंधित किया गया है।
 

त्योहार मनाने पर अघोषित रोक

कोरोना वायरस संक्रमण ने छत्तीसगढ़ के इस प्रमुख पर्व की वर्षों पुरानी परंपरा पर अघोषित ‘रोका-छेका’ लगा दिया है। जनविरोध की आशंका के चलते तीज त्यौहार के लिए आवागमन को रोकने अधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है।गांव-गांव में मुनादी कराया जा रहा है। बदली हुई परिस्थितियों में घर में रहकर ही पर्व मनाने की अपील की जा रही है। धमतरी जिले में भी कई गांव में बहू बेटियों को लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है ।खरेंगा निवासी हीरेन्द्र साहू ने बताया कि ग्राम विकास समिति के बैठक के बाद सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए मुनादी करा दी गई है कि यहां की बहुएं मायके नहीं जाएंगी और बाहर से बेटियां मायके नही आएंगी।इसी तरह गोकुलपुर में भी मुनादी करा दी गई है की बहू बेटियां तीजा में आना जाना नहीं करेंगे। छत्तीसगढ़ के ज्यादातर ब्लॉक रेड जोन में आ चुके हैं और ऐसी स्थिति में एक जगह से दूसरी जगह आना जाना संक्रमण को दावत दे सकता है ।यही वजह से अब ज्यादातर गांव में प्रतिबंध लगने लगा है

18 और 21 अगस्त को है त्योहार

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में तीजा-पोला का पर्व हर साल भादो मास में परंपरागत उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल कुशोत्पाटिनी अमावस्या पर 18 अगस्त को पोला पर्व और 21 अगस्त को भाद्रपद कृष्ण तीज को हरितालिका तीज (तीजा) पर्व मनाया जाएगा। पोला पर्व पर जहां मिट्टी से बने नादिया बैल की पूजा अर्चना कर बैल दौड़ का आयोजन होता है। वहीं तीजा पर्व पर सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना के साथ रात-दिन चौबीस घंटे का निर्जला उपवास कर शिव शंकर (महादेव) की पूजा अर्चना करती हैं। बाद दूसरे दिन व्रत तोड़ती हैं। इसके लिए बेटी-बहनों को ससुराल से मायका ले जाने और पिता/भाई के घर निर्जला उपवास करने की परंपरा है।

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