किसानों के समृद्धिता, सुदृढ़ता, सक्षमता एवं सफलता का आधारस्तंभ बनेगा कृषि संशोधन बिल-रंजना साहू


धमतरी। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यसभा एवं लोकसभा मे प्रस्तुत कृषि संशोधन बिल के ध्वनि मत से पास होने पर विधायक रँजना डिपेन्द्र साहू ने व्यापक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जब से देश के मुखिया के रूप मे बागडोर सम्हाले है तब से लेकर आज तक अनेक साहसिक तथा एतिहासिक निर्णय राष्ट्हित में लेते हुए, सभी भारतमाता के लिए समर्पित देशवासियों का गर्व से सर ऊचाँ करने कोई कोर-कसर नही छोड़ी है, चाहें वह देश के मुकुट कश्मीर से 370(ख) हटाकर ऊन्हे स्वायत्तता देना हो या फिर विश्व पटल पर समरिक व सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से अलग अलग देशों से संबंध स्थापित कर अपनी शक्ति बढ़ाना हो, वही दूसरीं ओर दुश्मन देशों के भी विपरित मनसुबे पर पानी फेर कर घुटने टेकने पर मजबूर किये जाने जैसे अनेक ज्वलंत उदाहरण सबके सामने है।

वर्षों से लंबित करोडों लोगों के आस्था व श्रद्धा का केन्द्र प्रभु श्रीराम के जन्मस्थली पर विशाल मंदिर निर्माण का शांन्ति पूर्ण समाधान करते हुवे देश की गौरवशाली पंरपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने, सदभावनापूर्वक रास्ता का अनुसरण करते सर्वस्वीकार्य हो, उक्त सभी कठोर व मजबुत निर्णय के बाद देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले हमारे अन्नदाता किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि संशोधन बिल का संसद के दोनों सदनों में पास किया जाना, कृषि के प्रति केंद्र सरकार के समर्पण का परिचायक है। विधायक श्रीमती रँजना साहू ने बताते हुए कहा है कि वास्तव मे इस बिल से आगे चलकर देश का प्रत्येक किसान आत्मनिर्भर होकर ,अर्थक्रांति का सूत्रधार बन जाएगा। श्रीमती साहू ने कृषि संशोधन विधेयक का स्वागत करते हुए, इसके विरोधी विघ्नसंतोषी लोगो की भत्सर्ना करते हुवे कहा है कि आगे चलकर यह विधेयक माटीपुत्र किसानों के कृषिव्यवस्था की समृद्धता, सुदृढता, सक्षमता व सफलता का सुदृढ़ व मजबूत आधार स्तंभ बनकर देश को प्रगतिशील बनाने सफल माध्यम बनेगा,


आगे विधायक रँजना साहू ने बताया कि किसानों व गरीबों के दर्द के नब्ज को करीब से समझने वाले संवेदनशील व्याक्तिव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार सर्वहारा वर्ग की पोषक किसानों के प्रति समर्पित होने के कारण उनका सबसे बड़ी हितचिंतक है, इस बिल के आने से किसान अपनी ऊपज का मूल्य स्वयं निर्धारित करते हुवे वास्तविक मलिकाना हक प्राप्त कर लेगें तथा अपनी ऊपज को स्वेच्छा अनुसार स्वविवेक से कहीं भी विक्रय करने के लिए स्वतंत्र भी  रहेगे ।

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