न पुस्तक मिली,न आरटीई की राशि, निजी विद्यालय संचालकों ने किया विरोध प्रदर्शन


भूपेंद्र साहू
धमतरी।निजी विद्यालय संचालकों ने शुक्रवार को विभिन्न मांगो को लेकर कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन कर  मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौपा।संचालको ने मुख्यमंत्री के नाम कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद लोहाना को भी ज्ञापन सौंपा । निजी विद्यालय संचालक कल्याण संघ धमतरी के बैनर तले पहुचे संचालको ने बताया की विद्यालयों को प्रतिवर्ष शासन द्वारा छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम से पाठ्य पुस्तकें निःशुल्क प्राप्त होती रही है। इस वर्ष शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों को तो पुस्तकें दे दी गई परंतु निजी विद्यालयों को आज पर्यन्त पुस्तकें अप्राप्त है। जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पुस्तकें कब तक मिलेगी इस संबंध में विभाग कुछ बताने को तैयार नही है। शासकीय स्कूलों के बच्चों को पुस्तकें उपलब्द्ध कराना तथा निजी विद्यालय के बच्चों को पुस्तकें न देना निजी विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के प्रति प्रशासन की दुर्भावना बताता है।


इसी प्रकार निजी विद्यालय में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रवेशित गरीब बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि सत्र 2019-20 एवं 2020-21 की आज पर्यन्त विद्यालयों को अप्राप्त है। एक ओर शासन कोरोना आपदा के नाम पर प्रभावितो को बोनस, सब्सिडी, मुफ्त में राशन इत्यादि बांट रही है मगर निजी विद्यालयों को उनके पढ़ाई का पैसा रोक दिया गया है जो की निजी विद्यालयों के प्रति शासन की दुर्भावना जताता है।


कोरोना की इस विपत्ति के समय निजी विद्यालय अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है। शेष सभी शुल्कों को स्थगित रख सिर्फ शिक्षण शुल्क ही बच्चों से लिया जा रहा  वो  भी अधिकांश पालको द्वारा नहीं दिया जा रहा है। निजी विद्यालय को शासन से किसी प्रकार का न तो कोई अनुदान मिलता नहीं इस कोरोना आपदा में शासन ने कोई राहत पैकेज दिया वहीं दूसरी ओर विद्यालय का टैक्स, बिजली बिल, किराया, वेतन,  किश्त, ब्याज, गाड़ियों की किश्त, बीमा, फिटनेस, परमिट आदि खर्च अतिरिक्त बोझ डाल रही है। बताया गया कि 8 सितंबर तक मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो 9 सितंबर से जिले के सभी निजी विद्यालय आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष सुबोध राठी, उपाध्यक्ष विनोद पांडे, टीआर सिन्हा, अशोक देशमुख ,कमलेश सिंह, तरुण भांडे,शैलेश बाजपेई,भूपेश चौधरी, विशेष लखोटिया सहित विभिन्न स्कूलों के संचालक व पदाधिकारी मौजूद थे.

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