पंचायत के कार्यों में अब पति नहीं दे सकेगें दखल,शासन ने जारी किया फरमान

 



मगरलोड।।पंचायत राज अधिनियम के तहत अब सरपंच या पंच पति शासकीय कार्यों में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे।इसके लिए शासन ने स्पष्ट गाइड लाइन जारी कर दिया है।इससे सरपंच प्रतिनिधि बनकर घूम रहे लोगों में मायूसी छा गई है।

उल्लेखनीय है कि पंचायत लोकतंत्र का सबसे छोटा इकाई है।जहां सरपंच पदों का निर्वाचन आम जनता करते है।वार्डों से एक पंच चुनाव जीतकर निर्वाचित होते है और पूरे गांव से सरपंच। महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण  प्रदान किया गया है।वर्तमान में अधिकांश जगहों पर महिला सरपंच और पंच की भूमिका निभा रहे है।मगरलोड जनपद सीईओ कार्यलय से पांच अक्टूबर को आदेश जारी हुआ है।इसके तहत महिला पंच, सरपंच के पति या सगे सम्बंधि पंचायत कार्य मे हस्तक्षेप करते है याय किसी बैठक में हिस्सा लेते है ,तो पंचायती राज अधिनियम के तहत महिला सरपंच और पंच पर कार्यवाही की जाएगी। 


 

आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायत के कामकाज नियोजन ,क्रियान्वयन परिवेक्षण  स्वयं को करना होगा।नियमानुसार अब पंचायत कार्यलय परिसर के भीतर महिला पदाधिकारियों की उनके कोई सगे सबंधी रिश्तेदार पंचायत के किसी भी कार्य मे हस्तक्षेप नहीं करेंगे।किसी भी विषय पर पदाधिकारी कर्मियों को महिला पंचायत पदाधिकारी की ओर से निर्णय लेकर सुझाव निर्देश नहीं दिया जाएगा ।साथ ही वे ग्राम पंचायत की बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे।यदि नियमों का उल्लंघन किया गया तो संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारी के विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी ।

बता दें कि वर्तमान में महिला सरपंच ,पंच पंचायतों के कामकाज पर निर्णय न लेकर उनके पति व पुत्र प्रतिनिधि सगा सम्बंधित लेते थे।इससे पंचायत का कामकाज प्रभावित हो रहा था।नियम लागू होने से अब इस पर ब्रेक लगेगा।



सीईओ बरन सिंह मंडावी ने बताया कि शासन के आदेशानुसार जारी किया गया है ।महिला पदाधिकारी के सगे सम्बंधित पंचायती कामकाज पर हस्तक्षेप करने पर महिला सरपंच ,पंच पर पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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