बांध बनाने में विरासत खोने वाले कृषकों को मिले राहत -रँजना साहू

 


 गंगरेल डुबानवासी किसानों का धान खरीदी हेतु विधायक ने कार्यवाही के दिये निर्देश



धमतरी। गंगरेल बांध कई जिलों के लोगों के लिए जीवनदायिनी है किंतु डुबान में अपना खेती किसानी घर-द्वार समर्पित कर धूप का दंश झेल रहे डूबान प्रभावित कृषक अपनी भूमि में पैदा किए धान को बेचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। क्योंकि सहकारी समिति स्वामित्व का प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए पंजीयन करने से हाथ उठा देती है। जिसकी फरियाद लेकर अनेक गांव  जिनमें मालगांव, चिखली, सटियारा, हरफर, बारगरी, कौहाबाहरा, कोरेगांव रैयत, भिड़ावर, माटेगहन, तिर्रा, कोहका, कोलियरी नया एवं पुराना सीलतरा, ओदागहन, कोड़ेगांव बी सहित  डूबान प्रभावित कृषक अपनी उक्त समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन के चौखट पर कई बार दस्तक दे चुके हैं, किंतु उन्हें कहीं भी राहत नहीं मिली। 



 विधायक रँजना डिपेन्द्र साहू को उक्त समस्याओं से अवगत कराने पर उन्होंने कृषकों के दर्द को समझते हुए कृषि मंत्री, जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ,खाद्य अधिकारी, को निर्देशित करते हुए कहा है कि किसान जहां भी अपनी फसल उगाए हैं उस भूमि का भौतिक सत्यापन करते हुए उनकी उपज को समर्थन मूल्य में खरीदने हेतु आवश्यक कदम उठाया जाए। विधायक श्रीमती साहू ने आगे यह भी बताया कि किसान अपनी उपज का समुचित दाम सही जगह ना मिलने के कारण कम दाम में बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं। जानकारी तो यहां तक मिली है कि गांव गांव के कोचिये बारह  सौ रूपये क्विंटल में धान की खरीदी कर किसानों का शोषण करते हैं, वही किसानों को अपनी लागत के अनुकूल मूल्य ना मिल पाने के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ता है। किसान यदि शासन प्रशासन के समक्ष अपनी फरियाद रखते हैं तो वह कभी वन भूमि या सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लाने की बात कर किसानों को दिग्भ्रमित कर देते हैं। ऐसे में एकमात्र विकल्प यह है कि पंचायत तथा पटवारी से भौतिक सत्यापन का प्रमाण पत्र लेकर किसानों की भूमि का खरीदी हेतु पंजीयन किया जाये, समर्थन मूल्य में धान खरीदी किया जाये, किसानों को राहत पहुंचाने हेतु आवश्यक कदम उठाने के लिए संबंधित जिम्मेदार लोगों को विधायक ने निर्देशित किया है । उनके साथ पूर्व जनपद सदस्य उमेश साहू भी मौजूद थे।



   मांग करने वाले फरियादी कृषकों में गिरधारी राम गोंड़, शंकर लाल गोंड़, ईश्वर लाल गोंड़, नमसू राम, हरिश्चंद्र,  रामस्वरूप, रामप्रसाद, रामेश्वर सिंह, परमा यादव, मनराखन ध्रुव, कमलेश्वर ध्रुव, रामकली यादव, भुवन निषाद, यशवंत सिन्हा, लोकनाथ सिन्हा, बीरबल, सहित विभिन्न कृषक एवं ग्रामीण मौजूद थे।

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