सोंढूर नहर नाली में चल रहे काम को ग्रामवासियों ने रोका,जल सत्याग्रह करने का ऐलान

 


अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा नहीं मिलने से हुए आक्रोशित

 


नगरी।सोंढूर जल प्रदायक नहर नाली में चल रहे काम को ग्राम अरसीकन्हार के प्रभावित किसानों ने सोमवार सपरिवार कार्य स्थल पर पहुंचकर काम को रोक दिया। ग्रामवासियों ने बताया कि विगत 42 साल से उनके पूर्वजों की जमीन को सोंढूर नहर नाली निर्माण हेतु अधिग्रहित किया गया था, जिसके बदले मुआवजा की बात कही गई थी लेकिन आज 42 साल बाद भी मुआवजा नहीं मिलने के कारण पीड़ित परिवार कार्यस्थल पर पहुंचकर नहर निर्माण काम को रोक दिया । 

पीड़ित किसानों ने बताया कि विगत 30 दिसम्बर को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नगरी कार्यालय में जाकर काम रोकने बाबत निवेदन पत्र सौंपा गया था उसके बाद भी उच्च अधिकारियों ने अभी तक संज्ञान में नहीं लिया। 


विदित हो कि इसके पूर्व भी कई बार जिलाधीश कार्यालय, केंद्रीय जनजाति आयोग, राज्य जनजाति आयोग,  राज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यालय सभी को आवेदन दे दे कर थक चुके हैं। अब अंत में ग्रामवासियों ने पीड़ित परिवारों ने निर्णय लिया कि जब तक हमारा मुआवजा नहीं मिलेगा हम नहर कार्य नहीं होने देंगे। 

पीड़ित परिवारों में घनश्याम नेताम,राजू नाग, बंशीलाल कुंजाम, ब्रिजलाल नेताम, जीवन कुंजाम,मिलनतीन बाई कुंजाम, घुलेश्री बाई कुंजाम,, बिंदाबाई मरकाम,, तिजियाबई कावडे, फरस मरकाम, तुलसी कुंजाम, नकुल कुंजाम, रूद्रप्रताप मरकाम, अखित मरकाम, भागवत मरकाम, राधा बाई नेताम, झुनई बाई मरकाम, राजबाई मरकाम, बिरजू नेताम, शान्ति बाई नेताम, गोकुल नेताम, टिकचंद नेताम, गजलाल नेताम बिंदा बाई नेताम, ललीता बाई नेताम, यमनी नाग, ओग्रेंद कुंजाम, सुन्दरी बाई कुंजाम, लछंतीन बाई नाग, कनेश्री बाई कुंजाम, सलेंद बाई कुंजाम, कविता बाई नाग, थनेस्वरी मरकाम, सोमन नेताम, ललिता बाई नेताम, सगाबई मरकाम, एवम् समस्त ग्राम वासी शामिल हैं।



0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने