करेली बड़ी धरना प्रदर्शन में चर्चा के लिए पहुंचे कलेक्टर एसपी, ग्रामीण रेत खदान बंद रखने की मांग पर अड़े

 


मगरलोड। राज्य शासन के आदेशानुसार खनिज विभाग द्वारा करेली बड़ी में रेत खदान संचालित करने टेंडर निकालकर ठेकेदार को दिया गया है। ठेकेदार द्वारा चैन माउंटेन एवं जेसीबी मशीन से रेत खनन कर परिवहन किया जा रहा था। ठेकेदार के माइनिंग एक्ट के नियम कानून को ताक में रख कर मनमानी ढंग से रेत खनन करने के कारण ग्रामीण नाराज है।

 रेत खदान बंद कराने करेली बड़ी के ग्रामीण 19 फरवरी को कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन दिया। 20 फरवरी से करेली बड़ी के समस्त ग्रामवासी सत्यनारायण मंदिर के पास धरना प्रदर्शन कर आंदोलन में डटे हुए है। जिला प्रशासन के समस्त अधिकारी 22 फरवरी को करेली बड़ी पहुंचकर धरना स्थल पर ग्रामीणों से रेत खदान शुरू कराने प्रयास किया। एकजुट ग्रामीण के सामने प्रशासन का सुझाव असफल हो गया है। रेत खदान बंद कराने ग्रामीण एकजुट होकर डटे हुए है।

 कलेक्टर जेपी मौर्य, पुलिस अधीक्षक बीपी राजभानू, एसडीएम योगिता देवांगन,खनिज अधिकारी सनत साहू की सरपंच, पंच, ग्रामीण अध्यक्ष, पदाधिकारी के साथ ग्राम पंचायत में आवश्यक बैठक लेकर प्रशासनिक सुझाव चर्चा पर चर्चा हुई। इसमें ग्रामीणों को एक बार और विचार करने कहा गया है। बताया गया कि  शासन के निर्देशानुसार रेत खदान का टेंडर हुआ है। चर्चा में जिला प्रशासन द्वारा यह आश्वस्त किया गया कि पूरे नियम के तहत ही यहां पर रेत उत्खनन होगा लेकिन फिर भी ग्रामीण किसी भी स्थिति में रेत खनन शुरू नहीं करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

ग्रामीणों की एकजुटता बनी मिसाल

करेली बड़ी के ग्रामीण गांव की सार्वजनिक हित में एकजुट होकर सड़क की लड़ाई लड़ने हमेशा तैयार रहते हैं। इसके पूर्व ग्राम करेली बड़ी से शराब दुकान को बंद कराने लंबी लड़ाई कर सफलता प्राप्त किया है। ग्रामीणों की एकजुट होकर शराब दुकान बंद कराने की मांग की सामने प्रशासन को समस्त नियम कानून कायदे को दरकिनार कर अंततः शराब दुकान बंद करना पड़ा था। इसी तर्ज पर ग्रामीण रेत खदान बंद कराने कामकाज बंद कर धरना आंदोलन में बैठे हुए हैं। ग्रामीणों की एकजुटता विकासखंड के लिए मिसाल साबित हो रही है।

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