अवैध रेत भंडारण की पतासाजी के लिए टीम ने विभिन्न स्थलों में दी दबिश, की कार्रवाई

 


धमतरी।जिले में अवैध रेत भंडारण की शिकायतों की जांच के लिए कलेक्टर  जयप्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार टीम गठित कर अलग अलग स्थलों पर दबिश देकर अधिकारियों द्वारा शहर सहित आसपास के ग्रामों के विभिन्न स्थलों की सतत् जांच के लिए टीम निकली कुछ जगहों पर कार्रवाई भी की गई।

     अनुविभागीय अधिकारी धमतरी  मनीष मिश्रा ने बताया कि अवैध रेत के भंडारण के संबंधित मिली शिकायतों के सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों की तीन टीम गठित की गई है। उन्होंने बताया कि टीम के द्वारा आज पांच जगहों पर दबिश दी गई। इस दौरान सिहावा रोड स्थित महावीर राइस मिल में मौके की जांच की गई, जहां रेत का अवैध भंडारण होना नहीं पाया गया। इसी तरह ग्राम मुजगहन स्थित राज राजेश्वर राइस मिल में दबिश के दौरान टीम को रेत भंडारण नहीं मिला, अलबत्ता थोड़ी मात्रा में रेत के अंश पाए गए, जिससे यह प्रतीत हो रहा था कि संभवतः पूर्व में रेत भंडारण किया गया था। इसी तरह ग्राम सोरम स्थित एक जगह में 3752 घनमीटर रेत भंडारित मिला। इस संबंध में पूछे जाने पर संचालक द्वारा रेत की कुछ मात्रा का ही पिट पास दिखाया गया, जो कि भंडारित रेत की मात्रा से मिलान नहीं होना पाया गया। टीम द्वारा इसे अवैध रेत भंडारण करार देते हुए जब्ती की कार्रवाई की गई।

 एसडीएम धमतरी ने बताया कि इसी प्रकार ग्राम सारंगपुरी में टीम ने अनुज्ञप्तिधारी स्थानीय रामसागरपारा निवासी शेख जफर द्वारा निर्धारित स्थल से भिन्न शासकीय भूमि पर रेत भंडारित किया जाना पाया। वहीं भंडारण स्थल में तार फेंसिंग या ईंट की दीवार का घेरा व सुरक्षा एवं प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा नहीं पाई गई। इसी तरह टीम को ग्राम अमेठी में अज्ञात अनुज्ञप्तिधारी द्वारा अनुज्ञप्ति की शर्तों का पालन नहीं किये जाने के अलावा सुरक्षा, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव पाया गया। पूछताछ किए जाने पर गांव के सरपंच और कोटवार के संज्ञान में भण्डारणकर्ता की जानकारी नहीं होना बताया गया।

       अवैध रेत भंडारण के स्थल निरीक्षण की कार्रवाई करने वाली तीनों टीम क्रमशः धमतरी तहसीलदार पवन सिंह ठाकुर, नायब तहसीलदार विनोद कुमार साहू तथा चंद्र कुमार साहू के नेतृत्व में की गई, जिसमें राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी भी शामिल थे।

ज्ञात हो कि धमतरी जिला में खनिज विभाग का मानो विवाद के साथ पुराना नाता है। एनजीटी के नियम, सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन,अवैध रेत उत्खनन, भण्डारण,चैन माउंटेन से खुदाई सहित कई कई मामले हैं ।खाना पूर्ति के लिए विभाग की ओर से कार्रवाई की जाती है। शायद यही वजह है कि इस बार कलेक्टर की टीम में खनिज विभाग को शामिल नहीं किया गया था। अभी भी कई ऐसी जगह हैं जहां पर भंडारण है पूर्व में एसडीएम द्वारा जिस प्रकार से कार्रवाई की गई थी वैसे ही कार्यवाही की दरकार अभी भी है।



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