भूपेंद्र साहू
धमतरी। जिला अस्पताल को एक बड़ी सौगात मिली है।अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाया गया है।जिसका शुक्रवार को डेमो के साथ शुभारंभ किया गया। इसके पाइपलाइन के माध्यम से अब अस्पताल के सभी वार्डों में सेंट्रल सप्लाई शुरू होगी। जिससे मैनुअल सिलेंडर जो लगाया जाता था उसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। पूरी तरह ऑटोमेटिक मशीन से सप्लाई कर जांच भी की गई
धमतरी जिला अस्पताल में अब सुविधाओं का विस्तार होने लगा है। बहुप्रतीक्षित मांग सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से लगाए गए प्लांट का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ मूर्ति ,आरएमओ डॉ खालसा ने नारियल फोड़कर शुभारंभ किया। यह मशीन जर्मन और अमेरिकन टेक्नोलॉजी से तैयार की गई है।वहां से पार्ट्स मंगा कर महाराष्ट्र में असेंबल हुआ, फिर सीजीएमएससी के माध्यम से सप्लाई कर इसे स्थापित किया गया है। पूरी मशीन एक करोड़ 13 लाख की लागत से लगाई गई है। 17लाख का पाइप लाइन बिछाया गया है और लगभग 10 लाख का निर्माण कार्य हुआ है।जिला अस्पताल में न सिर्फ धमतरी बल्कि बालोद, कांकेर, गरियाबंद एवं अन्य जिलों के भी मरीज बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं।
प्लांट से कितना ऑक्सीजन का होगा उत्पादन
टेक्नीशियन ने बताया कि इस प्लांट से 425 लीटर पर मिनट ऑक्सीजन बनेगा। जो टैंक में स्टोर होगा।जिसकी क्षमता 3000 लीटर रहेगी। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। जैसे जैसे ऑक्सीजन खाली हो जाएगा वैसे ही ऑटोमेटिक उत्पादन होकर आ जाएगा।
अब तक ऐसे होती थी सप्लाई
जिला अस्पताल में अब तक मैनुअल जम्बो सिलेंडर और छोटे सिलेंडर के माध्यम से मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जाती थी। सिर्फ एसएनसीयू यूनिट में ही प्रतिमाह लगभग 40 जम्बो सिलेंडर की खपत हो जाती थी। प्रत्येक सिलेंडर में 40 लीटर गैस आता है ।इसके अलावा अन्य वार्डों में लगभग 60 छोटे सिलेंडर की खपत हो जाती थी। जिसकी बचत होगी। सभी जगहों पर सेंट्रल सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछा दिया गया है।जहां पर जिस मरीज को जितनी आवश्यकता होगी वहां पर रेगुलेटर के माध्यम से उसे सप्लाई किया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ एमएस मूर्ति ने बताया कि धमतरी के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है इस प्लांट में वातावरण में मौजूद हवा को खींचकर ऑक्सीजन जनरेशन होगा।जो टैंक के माध्यम से पाइप लाइन से सप्लाई होगी। इसमें एसएनसीयू यूनिट, महिला पुरुष वार्ड, बच्चा वार्ड, न्यू वार्ड, लेबर रूम तक सप्लाई होगी। लगभग 70 बिस्तर के लिए यह सुविधा दी गई है। 25 बिस्तर के लिए पहले से सेमी ऑटोमेटिक मशीन लगी हुई है ।
इस अवसर पर डॉ डीएस देव, डॉ अखिलेश देवांगन, राजेश सूर्यवंशी, डॉ राकेश थापा,डॉ स्वीटी नंदा, गुरुशरण साहू,रुत बेबी मसीही,सी कुमरा, सालोमन सिस्टर, डेनियल सिस्टर, सीजीएमएससी से इंजीनियर अजय कापसे आदि मौजूद थे।
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