कुलेश्वर महादेव मंदिर में शिव के भक्तों ने किया मस्तक पर त्रिपुंड धारण

 

महाकाल का तिलक त्रिपुंड की लोकप्रियता बरकरार


मगरलोड। राजिम माघी पुन्नी मेला में शिवजी की सबसे प्रिय तिलक त्रिपुंड का प्रचलन महाकाल की नगरी उज्जैन में दिखाई देता है वही माघी पुन्नी मेला में कुलेश्वर मंदिर में योगी बंधुओं द्वारा दर्शनार्थियों के मस्तक पर इस तिलक को लगाया जा रहा है। वास्तव में इस तिलक की वैभव देखते ही बन रही है। शिव भक्तों के माथे पर तिलक के लगते ही उसकी सुंदरता में और निखार आ जाता है और यह लम्बे समय तक उपयोग करने वाले तिलक के रूप में साबित होने वाला है। इस तिलक को देखने वाले सभी दर्शनार्थी भी उसे लगाने के लिए कुलेश्वर मंदिर की ओर अग्रसर होने लगते है क्योंकि इस वर्ष मेले में ये शिवजी का प्रिय तिलक त्रिपुंड लोगों में लोकप्रिय हुआ है। इस तिलक को बड़े बुजुर्ग और बच्चों में देखा जा रहा। 

मंदिर के पुजारियों ने बताया की ललाट पर बने तीन रेखाओं को त्रिपुंड कहते है।चंदन या भस्म को हथेली पर रख कर उंगलियों की मदद से माथें पर लगाई जाती है इसके प्रत्येक रेखाओं में देवताओं का वास होता है। इस तिलक को लगाने से मस्तक शांत रहता है।यह शिवजी की अनंत भक्ति के प्रतीक के रूप में लगाया जाता है कुलेश्वर महादेव में इसे लगाने के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से ही लगी रहती है। मस्तक पर धारण करके भक्तगण बहुत ही उत्साहपूर्वक सेल्फि ले रहें है साथ ही बहुत खुश दिखाई दे रहे है।



0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने