वाल्मीकि समाज ने जीवंत रखी है भोजली की परम्परा,निकाली शोभायात्रा

 


परंपरा और संस्कृति के  रक्षा कर आगे बढ़ना है हमारा सामाजिक धर्म व धार्मिक कर्तव्य:रंजना साहू


धमतरी ।रक्षाबंधन के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ की परंपरा में समाहित भोजली का पर्व आपसी संबंधों को मजबूती प्रदान कर प्रगाढ़ता देता है। इस दिन भक्ति के साथ निकलने वाली भोजली की शोभायात्रा की मान्यता है कि आस्था व श्रद्धा के साथ श्रद्धानवत होते हुए यदि कोई व्यक्ति अपने विपत्ति कष्ट दुख संताप परेशानी बीमारी से मुक्ति हेतु यदि प्रार्थना करता है तो निश्चित ही भोजली के आराध्य देव उनकी बातों को सुनते हुए उक्त सारे समस्याओं  से मुक्त कर देते हैं साथ ही पुरातन काल से चली आ रही मित्रता के संबंधों को यदि नई ऊंचाई देना है तो भोजली में पीक (जंवारा) के रूप में गेहूं सहित अन्य फसलों की बालियों को एक दूसरे को समर्पित कर भोजली के बंधन में बंधने की परंपरा है जिसे  आजीवन निभाने की शपथ  इस दिन लेने की प्रथा चली आ रही है।


 घड़ी चौक में विधायक रंजना डीपेंद्र साहू  निगम के पूर्व सभापति राजेन्द्र शर्मा ,भाजपा जिला कोषाध्यक्ष चेतन हिंदूजा भाजयुमो जिला अध्यक्ष विजय मोटवानी, राजीव सिन्हा ,व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अमित अग्रवाल, दिलीप पटेल, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जय हिंदुजा,  देवेश अग्रवाल कमलजीत सिंह ,सत्यम साहू ने भोजली के पर्व में निकली शोभायात्रा का स्वागत करते हुए वाल्मीकि समाज के लोगों को बधाई प्रेषित की।  विधायक  श्रीमती साहू ने कहा कि अपनी परंपरा और संस्कृति के प्रति समर्पण प्रत्येक व्यक्ति का मानवीय धर्म व सामाजिक कर्तव्य है भोजली की परंपरा शहर में एक लंबे समय से चले आते हुए एक अलग पहचान रखती है जिसको निभाने के लिए आज भी सड़क पर पूरी आस्था व भक्ति भाव से जो सैलाब उमड़ता है वह एक जनप्रतिनिधि के रूप में मेरे लिए सौभाग्यशाली है मैं इस अवसर पर सीताराम भोजली कहते हुए आप सब से आग्रह करती हूं कि आप सबका सहयोग सानिध्य वह अपना तो का भाव मुझे मिलता रहे यही मेरे सार्वजनिक जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है।



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