गुजरात के पत्रकारों ने जाना छत्तीसगढ़िया संस्कृति-सभ्यता को,राज्यपाल से भी की भेंट

 


वतन जायसवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ भ्रमण पर पहुंचे गुजरात के पत्रकारों के दल ने आज राजभवन राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की। राज्यपाल ने सभी को पुष्पगुच्छ और छत्तीसगढ़ का स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

 “एक भारत श्रेष्ठ भारत" कार्यक्रम के तहत गुजरात के पत्रकारगण छत्तीसगढ़ भ्रमण में पहुंचे है। उन्होंने पुरखौती मुक्तांगन और सिरपुर का भ्रमण किया। आज सभी ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से भेंट की। पत्रकारों ने राज्यपाल को बताया कि पुरखौती मुक्तांगन में आदिवासी परंपराओं और संस्कृति के बारे उन्होंने जाना। उन्हें गुजरात के आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं और यहां के आदिवासियों की संस्कृति में साम्यता महसूस हुई। जब उन्होंने सिरपुर को देखा तो उन्हें गुजरात में स्थित लोथल का स्मरण हुआ।उन्होंने राज्यपाल सुश्री उइके को गुजरात आने का आग्रह भी किया।

 राज्यपाल ने उन्हें बताया छत्तीसगढ़ वन संसाधनों से परिपूर्ण आदिवासी बहुल राज्य है। यहां की संस्कृति और परंपराएं अनूठी है। यहां के पर्यटन स्थल मन मोह लेते हैं। यहां का बस्तर दशहरा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र पांचवी अनुसूची के तहत आते हैं , जहां राज्यपाल को आदिवासियों के संरक्षण के लिए विशेष अधिकार प्राप्त है। उन्होंने बताया कि जबसे उन्होंने राज्यपाल का दायित्व ग्रहण किया तब से उन्होंने यह प्रयास किया कि राजभवन के दरवाजे जो भी आए , उनकी तकलीफों को सुन कर उन्हें दूर करने का प्रयास करूं।  उन्होंने राजभवन की परंपरागत विशिष्ट अवधारणा को समाप्त करने का प्रयास किया है। राजभवन के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं,  वे छत्तीसगढ़ की जनता की संरक्षक हैं और सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य करती हैं।

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने