धर्म संसद में धर्म गुरु की फिसली जुबान बोले गोड़से जी को नमस्कार जो उस मोहनदास को मार डाला



वतन जायसवाल

रायपुर। राजधानी में आयोजित दो दिवसीय धर्म संसद के आखरी दिन धर्म गुरु कालीचरण महाराज के बोल से हंगामा मच गया। बवाल इतना बढ़ गया कि दूधाधारी मठ के महंत संत रामसुन्दर दास को कहना पड़ा की धर्म संसद अपने उद्देश्य से भटक गया है। वही आयोजक ने भी इस वक्तव्य पर असहमती जताई है। उधर नाराज पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ कांग्रेसी मध्य रात्रि टिकरापारा थाना पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करवाई।

 दरअसल दो दिवसीय धर्म संसद का आयोजन रावणभाठा मैदान में किया गया था। रविवार को समापन दिवस पर महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने उदबोधन में कुछ ऐसा बोल दिया कि श्रोताओं ने आवाजे निकाली तो कई धर्म गुरु, संत उनकी बातों से असहज हो गए। उनके उदबोधन के बाद कई संतो ने विरोध दर्ज कराया।


 उदबोधन के वक्त  धर्म गुरु कालीचरण महाराज की जुबान फ़िसल गई और उन्होंने कहा " 1947 में हमारे सामने पाकिस्तान-बंग्लादेश कब्ज़ा लिए गए.. वो महा हरा... मोहनदास ने सत्यानाश पेल दिया.. नाथूराम गोड़से जी को नमस्कार है मार डाला उस हरा... को" उनके इतना कहते ही पंडाल तालियों से गूंज गया। लेकिन आयोजक समेत अन्य संतो के चेहरे के भाव बदल गए। दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने कहा कि ये हमारा सनातन धर्म नहीं हो सकता, मैं इस धर्म संसद से खुद को अलग करता हूं, निंदा करता हूँ। इतना कहकर वे मंच से उतरे और दूधाधारी मठ लौट गए।


 आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी से कालीचरण की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बयान से पूरी तरह असहमत हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कालीचरण को पहले यह साबित करना चाहिए कि वह संत है।

 वही धर्म गुरु कालीचरण महाराज के इस बोल से कांग्रेसियों ने खासी नाराजगी जताई। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ कांग्रेसी मध्य रात्रि 12 बजे टिकरापारा थाना पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज करवाई। प्रमोद दुबे की शिकायत पर टिकरापारा थाना में अपराध क्रमांक 578/2021 धारा 505(2), 294 IPC के तहत अपराध दर्ज़ किया गया है।



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