कलेक्टर और एसपी ने ली राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक

 

राज्य शासन द्वारा विविध सार्वजनिक कार्यक्रमों,आयोजनों की पूर्व अनुमति लेने की अनिवार्यता के संबंध में दी जानकारी


धमतरी।राज्य शासन ने सार्वजनिक व्यवस्था और कानून-व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के दृष्टिकोण से विविध/निजी/सार्वजनिक/धार्मिक/राजनैतिक/अन्य संगठनों अथवा संस्थाओं के द्वारा विभिन्न आयोजन यथा धरना, जुलूस, रैली, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक इत्यादि आयोजन, जिसमें भीड़ आती है, उनकी जिला प्रशासन से विधिवत पूर्व अनुमति प्राप्त करने की परिपाटी पुनः सही तरीके से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके मद्देनजर कलेक्टर  पी.एस.एल्मा और पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत ठाकुर ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी, जिससे कि उक्त आयोजनों को रूट परिवर्तन, आम नागरिकों के आवागमन, बाजार व्यवस्था एवं सुरक्षा के उपाय करने तथा प्रशासनिक व्यवस्था बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।


 इस बैठक में बताया गया कि विविध सार्वजनिक कार्यक्रम/आयोजनों की पूर्व अनुमति लेनी होगी। आवेदन का प्रारूप, निर्धारित शर्तें और घोषणा पत्र के प्रारूप के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी बैठक में दी गई। बताया गया कि इस तरह के आयोजनों में आयोजक/आयोजन समिति की जिम्मेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः निर्धारित प्रारूप में आयोजक व्यक्ति/संस्था का नाम/आयोजन अथवा प्रदर्शन का स्वरूप (धरना, रैली, धरना पश्चात ज्ञापन, धरना पश्चात रैली पश्चात ज्ञापन और अन्य विवरण), प्रदर्शन का दिनांक, समय सीमा, आयोजन/प्रदर्शन का स्थल, यदि रैली आयोजित हो रही है, तो उसका रूट चार्ट, आयोजन का उद्देश्य, आयोजन/प्रदर्शन में शामिल होने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या, उपयोग होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों की जानकारी देने होगी। इसके साथ ही आयोजन/प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोग कहां-कहां से आएंगे, उनके अनुमानित साधन/वाहन की संख्या इत्यादि की विस्तृत जानकारी का प्रपत्र में उल्लेख करना अनिवार्य होगा। यदि आयोजन किसी निजी (व्यक्ति/संस्था) की भूमि में होना है, तो संबंधित से  प्राप्त अनुमति पत्र संलग्न करना होगा। 

      इसके अलावा यदि कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग पारम्परिक मान्यता वाले शस्त्र, लाठी, तलवार, त्रिशूल, भाला, भालानुमा झण्डे इत्यादि का प्रयोग करने वाले हांं, तो उसका आवेदन के प्रारूप में स्पष्ट उल्लेख करना अनिवार्य है। 

जिला प्रशासन और पुलिस बल का पूरा सहयोग भी करना होगा। आयोजन के मार्ग/स्थल पर कानून व्यवस्था और शांति पूरी तरह से बनाई रखनी होगी। व्यवस्था में लगे पुलिस/प्रशासन या अन्य शासकीय अधिकरी से दुर्व्यवहार या काम में व्यवधान नहीं किया जाए, यह भी सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा वाहनों को निर्धारित स्थल पर ही पार्क करना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति, जिसमें आयोजक भी शामिल है, जुलूस/सभा में हथियार, नशीला पदार्थ/अन्य खतरनाक पदार्थ नहीं ले जाएगा। आयोजन में नफरत फैलाने वाले भड़काउ भाषण नहीं दिए जाएं, लाऊड स्पीकर का यदि उपयोग किया जा रहा है, तो उसे प्रतिबंधित डेसिबल सीमा पर ही उपयोग किया जाए। इसके अलावा आयोजन में शामिल होने के लिए या बने रहने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जाए। 

इस दौरान आम जनता की सुविधा के लिए यातायात और सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा।आयोजन में किसी पशु/पक्षी का उपयोग नहीं किया जाएगा। 

 बैठक के अंत में कलेक्टर और एसपी ने सभी राजनीतिक दलों को राज्य शासन द्वारा इस संबंध में दिए गए निर्देशों से अवगत कराने के साथ ही आशा व्यक्त की कि सभी जिलेवासी उपरोक्त विषय में शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का सही तरीके से पालन करेंगे, जिससे की कानून व्यवस्था बनी रहे और व्यवस्थित तरीके से शांति के साथ काम करने में सुविधा हो। इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा उप पुलिस अधीक्षक  निवेदिता पॉल, एडीएम ऋषिकेश तिवारी,एसडीएम विभोर अग्रवाल उपस्थित रहे।



                                                                                                                                     

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